Bihar शिक्षा विभाग में इन दिनों सख्ती का दौर चल रहा है। हाल ही में विभाग ने एक सख्त आदेश जारी किया है, जिसके तहत बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से भर्ती हुए शिक्षकों को स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित होना अनिवार्य है। अगर कोई शिक्षक बिना किसी ठोस कारण के अनुपस्थित रहता है, तो उसे स्पष्टीकरण देना होगा। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने पर उसकी नौकरी भी जा सकती है।
विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी कर अनुपस्थित शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है। साथ ही, स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है, जिसमें नौकरी जाने का खतरा भी शामिल है।
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Bihar में कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण में चयनित करीब 3757 शिक्षकों को हाल ही में नियुक्ति पत्र दिए गए थे, लेकिन कई शिक्षक स्कूलों में रिपोर्टिंग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में विभाग ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
विभाग का आदेश
Bihar में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में अनुपस्थित शिक्षकों की सूची तैयार करें। अनुपस्थित शिक्षकों से लिखित में स्पष्टीकरण मांगा जाए। अगर स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अनुशासनात्मक कार्रवाई में वेतन कटौती, निलंबन और यहां तक कि सेवा समाप्ति भी शामिल हो सकती है।
जिसके बाद Bihar में कुछ शिक्षक संगठनों ने विभाग के इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि कई बार स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण शिक्षक रिपोर्टिंग नहीं कर पाते हैं। साथ ही, कुछ शिक्षकों को ट्रांसफर के दौरान परेशानी होती है, जिससे वे समय पर नए स्कूल में ज्वाइन नहीं कर पाते हैं।
विभाग का पक्ष
Bihar शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना विभाग की प्राथमिकता है। सरकार बच्चों की शिक्षा पर काफी खर्च करती है, इसलिए शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है। विभाग का यह भी कहना है कि ट्रांसफर के दौरान होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए प्रक्रिया में सुधार किए जा रहे हैं।