Acne एक आम समस्या है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। चेहरे पर लालिमा, सूजन और दाग-धब्बे न केवल चेहरे की रौनक छीन लेते हैं, बल्कि आत्मविश्वास को भी कम करते हैं। मुंहासों से निपटने के लिए कई लोग महंगे उपचार और दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में कई प्राकृतिक और प्रभावी उपाय मौजूद हैं जो मुंहासों से निजात पाने में मदद करते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, मुंहासे शरीर में पित्त और कफ के असंतुलन के कारण होते हैं। पित्त की अधिकता त्वचा में गर्मी और सूजन पैदा करती है, जबकि कफ त्वचा को तैलीय बनाता है, जिससे रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और मुंहासे निकलते हैं।
नीम के पत्ते
नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो Acne के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से पिंपल्स और मुंहासे कम होते हैं।
हल्दी
हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा को शुद्ध करने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी का लेप चेहरे पर लगाने से पिंपल्स और Acne कम होते हैं और त्वचा चमकदार बनती है।
चंदन
चंदन में शीतलन और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा को शांत करने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। चंदन का लेप चेहरे पर लगाने से पिंपल्स और Acne कम होते हैं और त्वचा को ठंडक मिलती है।
एलोवेरा
एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा को शांत करने, सूजन को कम करने और त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। एलोवेरा का जेल चेहरे पर लगाने से पिंपल्स और मुंहासे कम होते हैं और त्वचा मुलायम बनती है।
त्रिफला
त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें तीन फल होते हैं: आंवला, बहेड़ा और हरड़। त्रिफला का सेवन करने से शरीर में से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और त्वचा को शुद्ध करने में मदद मिलती है।
टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जिस कारण से Acne की समस्या को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है और Acne की सूजन को भी कम करता है। इसे डाल्यूट करके कॉटन बॉल की मदद से एक्ने पर लगा सकते हैं।