भारत में Peepal का पेड़ सदियों से पूजनीय रहा है। इसकी पूजा करने के कई लाभ बताए जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रविवार को पीपल की पूजा करने को लेकर कुछ धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक तथ्य हैं? आइए, इस लेख में इस विषय पर गहराई से चर्चा करें।
रविवार को पीपल की पूजा न करने के पीछे धार्मिक मान्यताएं
दरिद्रा का वास: भगवान विष्णु ने दरिद्रा को रविवार को Peepal के पेड़ में वास करने का आदेश दिया था। मान्यता है कि यदि आप रविवार को पीपल को जल देते हैं, तो दरिद्रा आपके घर में प्रवेश कर सकती है।
सूर्य देव का दिन: रविवार को सूर्य देव का दिन माना जाता है। Peepal शनिदेव से जुड़ा हुआ है। इसलिए, दो अलग-अलग देवताओं को एक ही दिन पूजने से उनके आशीर्वाद मिलने में बाधा आ सकती है।
अशुभ प्रभाव: कुछ मान्यताओं के अनुसार, रविवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना अशुभ होता है। इससे व्यक्ति को नुकसान हो सकता है।
इसके साथ ही यह मान्यता है कि Peepal के पेड़ की पूजा और दीपक जलाने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। कुछ हिंदू मान्यताओं के अनुसार, रविवार को सूर्य देव का दिन माना जाता है। Peepal का पेड़ शनिदेव से जुड़ा हुआ है। ऐसे में, दो अलग-अलग देवताओं को एक ही दिन पूजने से उनके आशीर्वाद मिलने में बाधा आ सकती है।
कुछ मान्यताओं में कहा जाता है कि रविवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना अशुभ होता है। इससे व्यक्ति को नुकसान हो सकता है। हालांकि, कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार, रविवार को भी पीपल की पूजा की जा सकती है, लेकिन दीपक जलाने की बजाय जल चढ़ाना ज्यादा शुभ होता है।
Peepal के पेड़ के पास इस समय न जलाएं दीपक
Peepal के पेड़ के पास रात्रि को दीपक नहीं जलाना चाहिए। माना जाता है कि रात्रि को दीपक जलाने से इंसान को अशुभ परिणाम मिलते हैं। इसलिए ज्योतिष शस्त्र के अनुसार, इस समय दीपक जलाने से बचना चाहिए। अगर आप Peepal के पेड़ पास दीपक जलाना चाहते हैं, तो दीप जलाने का सही दिन गुरुवार या फिर शनिवार ही माना जाता है।