Brinjal Farming भारत में व्यापक रूप से की जाती है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी है। लेकिन आम बैंगन की खेती से किसानों को सीमित समय के लिए ही फायदा होता है। वहीं, मौसम बदलने पर इसकी पैदावार कम हो जाती है। हालांकि, अब किसानों के लिए खुशखबरी है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे विशेष किस्म के बैंगन को विकसित किया है, जिससे सालभर फल प्राप्त किए जा सकते हैं।
सालभर फलेगा बैंगन
यह विशेष किस्म का Brinjal है – “एफ 1 हाइब्रिड Brinjal बारहमासी”। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह बैंगन पूरे साल फलों का उत्पादन करता है। इसकी खासियत यह है कि यह विभिन्न मौसमों में भी फलता है। सर्दियों को छोड़कर बाकी सभी मौसमों में इसकी खेती की जा सकती है।
केंद्रीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (वाराणसी) के वैज्ञानिकों ने “एफ 1 पीकेएम-1” नाम की एक विशेष किस्म के बैंगन को विकसित किया है। इस किस्म की खासियत यह है कि इसकी खेती साल के 12 महीने की जा सकती है। इसकी फसल 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाती है और एक पौधे से सालभर में 500 से 700 ग्राम तक Brinjal प्राप्त हो सकते हैं।
किसानों के लिए फायदेमंद
बारहमासी Brinjal Farming पारंपरिक बैंगन की खेती की तुलना में किसानों के लिए अधिक लाभदायक साबित हो सकती है। सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इससे सालभर फलों की प्राप्ति होती है, जिससे किसानों को नियमित आमदनी का जरिया मिल सकता है। वहीं, बाजार में ऑफ-सीजन में बैंगन के दाम ज्यादा होते हैं, ऐसे में किसानों को अच्छी कीमत मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
अनुमानित लागत और मुनाफा
वैज्ञानिकों का दावा है कि “एफ 1 पीकेएम-1” Brinjal Farming से किसानों की आमदनी में 7 गुना तक का इजाफा हो सकता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, एक हेक्टेयर बारहमासी बैंगन की खेती में लगभग 30,000 रुपये की लागत आती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई किसान एक हेक्टेयर खेत में आम बैंगन की खेती करता है, और औसतन बाजार भाव 20 रुपये प्रति किलो भी माना जाएतो उसे सालाना लगभग 1.5 लाख रुपये की कमाई होती है। वहीं, अगर वह इसी खेत में “एफ 1 पीकेएम-1” बैंगन की खेती करता है, तो उसकी कमाई बढ़कर 10 लाख रुपये तक हो सकती है।
कैसे करें बारहमासी बैंगन की खेती?
बारहमासी Brinjal Farming के लिए जलवायु और मिट्टी का ध्यान रखना जरूरी है। अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त होती है। वहीं, इसकी खेती के लिए क्यारियां बनानी चाहिए और उचित मात्रा में खाद और सिंचाई की आवश्यकता होती है। हालांकि, पारंपरिक बैंगन की तुलना में इसकी देखभाल में थोड़ा अधिक ध्यान देने की जरूरत पड़ सकती है।
कृषि विभाग से ले सकते हैं मदद
बारहमासी Brinjal Farming को शुरू करने से पहले किसान कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्रों से संपर्क कर सकते हैं। वहां से वैज्ञानिक तरीके से खेती करने और अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए जरूरी जानकारी और सलाह ली जा सकती है।
किसानों की आय बढ़ाने में मददगार
बारहमासी Brinjal Farming के अन्य फायदे भी हैं। यह पौधा अधिक समय तक खेत में रहता है, जिससे मिट्टी का कटाव रोकने में मदद मिलती है। वहीं, कम समय में ज्यादा पैदावार होने से किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सकती है।
बारहमासी Brinjal Farming किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। यह न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि बाजार में भी सब्जियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगी। आने वाले समय में यह खेती पूरे देश में लोकप्रिय हो सकती है।