आजकल रसोई घर में non-stick बर्तन (Teflon कोटेड) का इस्तेमाल बहुत आम हो गया है। ये बर्तन खाने को चिपकने से रोकते हैं, जिससे खाना बनाना और साफ करना आसान हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुविधा के साथ-साथ ये बर्तन सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकते हैं? आइए, जानते हैं नॉन-स्टिक बर्तनों के कुछ संभावित दुष्प्रभावों के बारे में।
नॉन-स्टिक कोटिंग का खतरा
non-stick बर्तनों में खाने के चिपकने से रोकने के लिए एक खास परत (कोटिंग) का इस्तेमाल किया जाता है। यह परत आमतौर पर पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE) नामक रसायन से बनी होती है, जिसे टेफ्लॉन के नाम से भी जाना जाता है।
पोलीटेफ्लोरोथिन एसिड (PFOA) का खतरा
non-stick बर्तनों की कोटिंग में आमतौर पर पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE) नामक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे टेफ्लॉन के नाम से भी जाना जाता है। टेफ्लॉन अपने आप में सुरक्षित माना जाता है। लेकिन समस्या यह है कि non-stick बर्तनों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले PFOA नामक रसायन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। PFOA को कैंसर, थायराॅयड की समस्या और प्रजनन संबंधी दिक्कतों से जोड़ा गया है। हालांकि, ज्यादातर बड़े निर्माताओं ने अब PFOA के इस्तेमाल को बंद कर दिया है।
अत्यधिक गर्म होने पर खतरा
PTFE आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है। लेकिन जब non-stick बर्तन को 500 डिग्री फारेनहाइट (260 डिग्री सेल्सियस) से अधिक गर्म किया जाता है, तो यह परत टूटने लगती है। टूटने पर PTFE हानिकारक रसायनों को छोड़ सकता है, जिन्हें पॉलीफ्लुओरोअल्किल पदार्थ (PFAS) कहा जाता है।
non-stick बर्तनों को बहुत ज्यादा गर्म करने पर टेफ्लॉन की कोटिंग टूट सकती है। टूटने पर ये छोटे-छोटे कण हवा में मिल जाते हैं और सांस के जरिए शरीर में जा सकते हैं। इन कणों के साँस लेने से फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें “पोलीमर फ्यूम फीवर” के नाम से जाना जाता है।
नॉन-स्टिक का विकल्प
अगर आप non-stick बर्तनों के इस्तेमाल से बचना चाहते हैं, तो आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं। आप कच्चे लोहे (Cast Iron), स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel) या सिरेमिक (Ceramic) के बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बर्तन टिकाऊ होते हैं और इनमें खाना चिपकने का भी कम खतरा होता है।
अगर नॉन स्टिक का इस्तेमाल कर भी रहे हैं, तो सुरक्षित कुकिंग के लिए सही तापमान का चुनाव करें। नॉन स्टिक कुकवेयर अधिक तापमान पर खाना पकाने के लिए नहीं बनते हैं। इसलिए धीमी आंच पर खाना पकाएं, जिससे इसके खतरे से बचा जा सके। एल्यूमीनियम बर्तन से भी परहेज करें। स्टील, शीशे या आयरन के बर्तनों का इस्तेमाल करें।