Menstrual Cycle: कड़ी धूप और तेज़ हवाओं के साथ भीषण गर्मी का दौर देश के कई हिस्सों में जारी है। लू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जिससे सेहत को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। क्या आप जानती हैं कि लू का असर आपके Menstrual Cycle पर भी पड़ सकता है? आइए, जानते हैं विशेषज्ञों से इस बारे में।
लू और पीरियड्स साइकल का संबंध
डॉक्टर अंजलि सिंह (प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ) का कहना है कि लू का सीधा संबंध शरीर के तापमान से होता है। अत्यधिक गर्मी शरीर के तापमान को बढ़ा देती है, जिससे शरीर का थर्मोरेग्यूलेशन (शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की प्रक्रिया) प्रभावित होता है। यह बदलाव हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जिसका असर Menstrual Cycle पर भी पड़ सकता है।
क्यों प्रभावित होती है मेंस्ट्रुअल साइकिल?
हीटवेव, या अत्यधिक गर्मी की लहरें, महिलाओं की Menstrual Cycle को कई तरीकों से प्रभावित कर सकती हैं। डॉक्टर बताते हैं कि उच्च बॉडी टेंपरेचर का हार्मोनल स्तर पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे पीरियड्स और ओव्यूलेशन साइकिल में अनियमितताएं उत्पन्न हो सकती हैं। हीट स्ट्रेस के कारण शरीर में डिहाइड्रेशन होता है, जो हार्मोनल बैलेंस को बदल सकता है और नियमित मेंस्ट्रुअल साइकिल को बाधित कर सकता है।
हीटवेव के कारण शरीर में तापमान बढ़ता है, जिससे हार्मोन के उत्पादन और रिलीज में परिवर्तन आ सकते हैं। यह परिवर्तन पीरियड्स की समय सीमा और मात्रा को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो सकती है, जिससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है और पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
इस वजह से भी प्रभावित होती है मेंस्ट्रुअल साइकिल?
हीटवेव के दौरान तनाव का स्तर भी बढ़ जाता है, जो Menstrual Cycle की नियमितता और हार्मोनल रिदम को प्रभावित कर सकता है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। यह असंतुलन पीरियड्स की अनियमितता, मात्रा में परिवर्तन, और कभी-कभी पीरियड्स के दर्द में वृद्धि का कारण बन सकता है।
इसके अलावा, कुछ लोगों की पहले से मौजूद बीमारियां, जैसे एंडोमेट्रियोसिस या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस), गर्मी में और खराब हो सकती हैं। गर्मी के कारण इन स्थितियों में असुविधा और इर्रेगुलर फ्लो हो सकता है। पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं को अक्सर हार्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ता है, जो गर्मी के दौरान और बढ़ सकता है।
ये भी हो सकता है कारण
बहुत ज्यादा गर्मी स्लीप साइकिल को भी बाधित कर सकती है, जो सामान्य मेंस्ट्रुअल साइकिल को बनाए रखने के लिए जरूरी है। सामान्य तौर पर, उच्च तापमान के लंबे समय तक संपर्क में रहने से हार्मोनल फंक्शन में गड़बड़ी होने की संभावना होती है, जिसके परिणामस्वरूप Menstrual Cycle में गड़बड़ी हो सकती है।
हीटवेव के दौरान अधिक पानी पीना और हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर के हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखा जा सके। इसके साथ ही, ठंडे स्थानों में रहना, हल्के और सांस लेने वाले कपड़े पहनना, और नियमित रूप से आराम करना भी महत्वपूर्ण है। इन उपायों से हीटवेव के प्रभाव को कम किया जा सकता है और Menstrual Cycle की नियमितता को बनाए रखा जा सकता है।
हीटवेव और मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच का संबंध
हीटवेव के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन हार्मोनल बैलेंस पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उच्च तापमान में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो हार्मोनल प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है। इस वजह से, हीटवेव के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए और हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए।