हिंदू धर्म में Pradosh Vrat का विशेष महत्व है। यह व्रत हर महीने में दो बार किया जाता है – कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा करने से जातक को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। आइए जानते हैं जुलाई 2024 में कब और कैसे Pradosh Vrat रखा जाएगा।
यह व्रत 3 जुलाई 2024, बुधवार को पड़ रहा है। त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 3 जुलाई, सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर होगा और इसका समापन 4 जुलाई, सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर होगा। प्रदोष काल 3 जुलाई, शाम 7 बजकर 22 मिनट से 9 बजकर 14 मिनट के बीच रहेगा। इस दौरान प्रदोष काल की पूजा का महत्व है, जिसके आधार पर इस बार यह व्रत 3 जुलाई के दिन बुधवार को रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत का महत्व
Pradosh Vrat को करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इससे जीवन में सुख-शांति का वास होता है। संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्ति भी यह व्रत रखते हैं। इसके अलावा, बुधवार का संबंध ग्रह बुध से होता है। इस दिन प्रदोष व्रत करने से बुध ग्रह को मजबूती मिलती है, जिससे बुद्धि और वाणी का विकास होता है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
Pradosh Vrat के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहन लें। एक लकड़ी की चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह साफ करें। देसी घी का दीया जलाएं। लाल वस्त्र अर्पित करें। चंदन व कुमकुम का तिलक लगाएं। खीर, हलवा, फल, सफेद मिठाई आदि का भोग लगाएं। हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें। संकल्प में कब, किस Pradosh Vrat का पालन कर रहे हैं, इसका उल्लेख करें।
इसके बाद Pradosh Vrat कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ श्रद्धापूर्वक करें। शाम को विधि अनुसार पूजा करें, क्योंकि इस दिन प्रदोष काल की पूजा अधिक लाभकारी मानी जाती है। व्रती सात्विक भोजन करें और व्रत का पारण अगले दिन प्रसाद से करें। प्रदोष काल की पूजा विशेष फलदायी होती है, इसलिए इसे अनिवार्य रूप से करें।