Mango Names: आम, जिसे “फलों का राजा” भी कहा जाता है, भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पसंद किया जाने वाला मीठा और रसीला फल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में पाए जाने वाली आम की सैकड़ों किस्मों में से हर एक का अपना एक अलग नाम है? इन नामों के पीछे कई दिलचस्प कहानियां और इतिहास छिपा हुआ है। आइए, आज हम आम के कुछ लोकप्रिय नामों के पीछे के रहस्य को जानने का प्रयास करें।
भौगोलिक नाम
कुछ Mango के नाम उनके उद्गम स्थल के नाम पर रखे गए हैं। उदाहरण के लिए, “लंगड़ा” आम उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पास लंगड़ा गांव में पैदा होता है। इसी तरह, “दशहरी” आम की उत्पत्ति दिल्ली के पास दशहरी गांव से मानी जाती है। “बंगनपल्ली” आंध्र प्रदेश के बंगनपल्ली शहर से आता है।
आकार के आधार पर नाम
कुछ आमों के नाम उनके आकार के अनुसार रखे गए हैं। उदाहरण के लिए, “हापुस” आम का आकार आम तौर पर थोड़ा चपटा होता है, इसलिए इसे “हापुस” (हाथी के पैर के आकार जैसा) कहा जाता है। इसी तरह, “चौसा” Mango चौकोर आकार का होता है, इसलिए इसका नाम “चौसा” पड़ा।
स्वाद के आधार पर नाम
कुछ आमों के नाम उनके स्वाद के आधार पर रखे गए हैं। उदाहरण के लिए, “मालदा” Mango अपने मीठे और रसीले स्वाद के लिए जाना जाता है, इसलिए इसे “मालदा” (मालिक – स्वामी, मीठा) कहा जाता है। वहीं, “तोतापरी” आम थोड़ा खट्टा होता है, इसलिए इसे “तोतापरी” (तोता – तोते पसंद करते हैं खट्टा) नाम दिया गया।
राजाओं और रानियों के नाम पर
कुछ आमों के नाम राजाओं और रानियों के नाम पर रखे गए हैं। उदाहरण के लिए, “अ Alphonso” (अलफांसो) Mango का नाम पुर्तगाली वायसराय अफोंसो डी अल्बुकर्क के नाम पर रखा गया था। वहीं, ” रानीपसंद” आम का नाम स्पष्ट रूप से किसी रानी के पसंदीदा आम होने का संकेत देता है।
अल्फांसो Mango भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में अपने स्वाद के लिए जाना जाता है। वैसे तो अल्फांसो की उत्पत्ति भारत में ही मानी जाती है, लेकिन इस नाम के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि इसका नाम पुर्तगाली गवर्नर अफोंसो डी अल्बुकर्क के नाम पर पड़ा, जबकि कुछ अन्य का कहना है कि ये नाम किसी स्थानीय व्यक्ति के नाम से लिया गया होगा।
हनीमैन Mango का नाम एक अंग्रेज व्यक्ति, कैप्टन हनीमैन के नाम पर पड़ा। ऐसा माना जाता है कि कैप्टन हनीमैन ने ही सबसे पहले इस किस्म के आम को गुजरात में उगाया था।
अन्य रोचक नाम
कुछ आमों के नाम बिल्कुल अनोखे और रोचक हैं। उदाहरण के लिए, “केसर” Mango का नाम उसके पीले रंग के कारण रखा गया है, जो केसर के समान है। वहीं, “संकेश्वरी” Mango का नाम संभवतः किसी देवी के नाम पर रखा गया होगा। चौसा आम का नाम बिहार के मधुबनी जिले के चौसा नामक स्थान से पड़ा। माना जाता है कि इसी इलाके में सबसे पहले चौसा आम की खेती शुरू हुई थी।
ऐसे ही दशहरी Mango का नाम उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के पास दशहरी गांव से पड़ा। ऐसा माना जाता है कि इस गांव में 200 साल पहले पहली बार दशहरी आम का पेड़ उगा था। इस पेड़ के आमों का स्वाद इतना लाजवाब था कि पूरे इलाके में मशहूर हो गया। धीरे-धीरे वहां से देश के अन्य हिस्सों में भी ये आम पहुंचा और “दशहरी” नाम से पहचाना जाने लगा।