Jagannath Rath Yatra 2023: हिंदू धर्म के अनुसार चार धाम की यात्रा को बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस यात्रा को पूरा करने से पुण्य मिलता है। यह भी मान्यता है कि चार धाम की यात्रा करने वालों की सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इन चार धामों की यात्रा में से एक है जगन्नाथ पुरी की यात्रा। पुरी के Jagannath मंदिर में भगवान को भोग के रूप में खिचड़ी चढ़ाया जाता है।
जगन्नाथ पुरी की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की परम उपासक थी कर्मा बाई जो जगन्नाथ पुरी में ही रहती थी और भगवान को बचपन से ही पुत्र रूप में पूजा करती थी। इसी क्रम में एक दिन कर्मा बाई ने जगन्नाथ जी से इच्छा जताई कि उन्हें आज भोग के लिए वो अपने हाथों से बनाकर कुछ खिलाना चाहती है। इसपर प्रभु जी बोले उन्हें बोला कि ‘माँ! जो भी बनाया हो वही खिला दो, बहुत भूख लगी है।’ उस समय कर्मा बाई ने खिचड़ी बनाई थी तो उसने ठाकुर जी को खिचड़ी खाने को दिया। प्रभु ने खिचड़ी को बड़े चाव से खाया। खाने के बाद भगवान ने कहा – ‘माँ ! मुझे तो खिचड़ी बहुत अच्छी लगी। मेरे लिए आप रोज खिचड़ी ही पकाया करें। मैं तो यही आकर खाऊँगा।’ उसके बाद से हर रोज़ कर्मा बाई भोग के लिए खिचड़ी ही बनाने लगी।
एक दिन जब कर्मा बाई के प्राण छूट गए और उस दिन जब पुजारी जी ने मंदिर का पट खोला तो देखा – भगवान की आँखों में आँसू हैं और प्रभु रो रहे हैं। इस पर पुजारी ने रोने का कारण पूछा तो भगवान ने कहा – “पुजारी जी, आज मेरी मां कर्मा बाई इस लोक को छोड़कर विदा हो गई है। अब मुझे खिचड़ी बनाकर कौन खिलाएगा। इस बात पर पुजारी जी ने कहा – “प्रभु जी ! आपको मां की कमी महसूस नहीं होने देंगे। आज के बाद आपको प्रसाद के रूप में खिचड़ी का भोग ही लगाया जाएगा। तब से लेकर आज तक जगन्नाथ भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है।
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