Neuralink Human Trial: अरबपति इंटरप्रेन्योर एलोन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक को इंसानों के दिमाग में चिप लगाने की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही उन्हें उम्मीद है कि उनका ब्रेन-चिप स्टार्टअप न्यूरालिंक इस साल अपना पहला ह्यूमन ट्रायल शुरू करेगा। उनकी कंपनी को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा पिछले महीने क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। इस बात की पुष्टि एलोन मस्क ने शुक्रवार को एक इवेंट के दौरान किया। हालांकि उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया है कि इस ट्रायल में कितने लोगों को शामिल होंगे और यह कब तक चलेगा।
न्यूरालिंक अगर इस प्रोजेक्ट में सफलता हासिल करती है तो इस टेक्नोलॉजी से खासकर उन लोगों को फायदा होगा जो पैरालिसिस, नेत्रहीन, मेमोरी लॉस या न्यूरो संबंधित बीमारी से जूझ रहे हैं। हालांकि ख़बर यह भी आ रहीं हैं कि कंपनी ने इसका क्लीनिकल ट्रायल सफल रूप से कर भी लिया तो, मस्क को इंसानी दिमाग में चिप लगाने का कमर्शियल लाइसेंस मिलने में कम से कम एक दशक से ज्यादा का समय लग जाएगा। न्यूरालिंक ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए साल 2022 में एफडीए (FDA) से अप्रूवल मांगा था, लेकिन उस समय एफडीए ने अप्रूवल देने से मन कर दिया था। लेकिन पिछले महीने ही एलन मस्क की इस कंपनी को अप्रूवल मिल चुका है और अब कंपनी जल्द ही ह्यूमन ट्रायल शुरू करने की तैयारी कर रही है।
न्यूरालिंक एक अमेरिकी कंपनी है जो इस वक्त न्यूरोटेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। इस कंपनी को साल 2016 में एलन मस्क ने लॉन्च किया था। जिसके बाद से कंपनी एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है जिसकी मदद से इंसानों के दिमाग में चिप को इम्प्लांट किया जा सकेगा। जिसके बाद इस चिप को कंप्यूटर की मदद से सिग्नल भेजा जाएगा। कंपनी का यह दावा है कि इस चिप की मदद से कई गंभीर बिमारियों का पता पहले ही लगाया जा सकता हैं। जिससे उन बिमारियों का पहले पता चल जाने से इसका इलाज संभव और अच्छे से हो सकेगा। इस टेक्नोलॉजी उन लोगों के लिए सबसे अधिक फायदेमंद बताया जा रहा है जो लोग पैरालिसिस या किसी तरह की डिसेबिलिटी से जूझ रहे हैं।