Bahuda Rath yatra: ओडिशा के पुरी में इन दिनों भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा की धूम शहर में जोड़ों से चल रही है। इसी रथयात्रा के क्रम में आज यानी बुधवार को भगवान की बहुडा यात्रा होगा। इस दिन भगवान अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ अपनी मौसी के यहां से अपने मंदिर लौटेंगे। मंदिर कमेटी की ओर से आई ख़बर के मुताबिक भगवान का बहुडा रथ यात्रा शाम चार बजे से शुरू होगा। इससे पहले सुबह पांच बजे मासीबाड़ी में भगवान का दृव्य शृंगार किया गया है। इसके बाद सुबह सात बजे भोग लगाया गया। सुबह के भोग के बाद दोपहर एक बजे अन्न का भोग लगाया जाएगा और उसी समय भक्तों के बीच भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा। इसके बाद शाम चार बजे भगवान का रथ उनके अपने धाम के लिए मौसीबाड़े से निकलेगा।
आपको बता दें कि भगवान जगन्नाथ की इस रथयात्रा योजना की शुरुआत हर साल बसंत पंचमी से ही कर दी जाती है। जिसके बाद हर ख़ास दिन पर खास आयोजन किए जाते हैं। इसी क्रम में आषाढ़ महीने में भगवान अपनी मौसी गुंडिचा के मंदिर अपने भाई और बहन के साथ रथ से जाते हैं। इस समय रथ यात्रा की शुरुआत होती है। इस दौरान बहुत सारी परंपराएं निभाई जाती हैं। इस रथयात्रा की समाप्ति बाहुडा रथ यात्रा से होती है। लेकिन बहुडा रथयात्रा से पहले हेरा पंचमी मनाया जाता है।
मान्यता के अनुसार हेरा पंचमी इसलिए मनाई जाती है की जब भगवान अपनी मौसी गुंडिचा के मंदिर अपने भाई और बहन के साथ रथ से जाते उस समय वह अपनी पत्नी को नहीं ले जाते है। जिससे देवी लक्ष्मी भगवान से नाराज़ हो जाती है। और जब उन्हें पता चलता है कि भगवान अपनी मौसी के घर गए है वो भी वहां पहुंचती है। लेकिन वहां के द्वारपाल देवी लक्ष्मी को अंदर नहीं जाने देते हैं जिससे देवी लक्ष्मी नाराज होकर भगवान के रथ का पहिया तोड़कर अपने मंदिर हेरा गोहिरी साही में आ जाती है। जब इस बारे में भगवान को पता चलता है तो वो देवी को मनाने के लिए बेशकीमती भेंट और मिठाई लेकर उनके मंदिर पहुंचते हैं। जहां बहुत कोशिश करने के बाद भगवान देवी को मना लेते हैं और फिर यहां से दोनों एक ही रथ पर अपने मंदिर लौट आते हैं। भगवान का यही लौटना बाहुडा रथयात्रा कहलाता है। इस रथयात्रा को पुरी में भगवान आ रहे हैं, वापस आ रहे हैं के नारे के साथ लाया जाता है। इस पूरे 9 दिनों की रथयात्रा के बाद दसवें दिन भगवान अपने मंदिर के लौट जाते हैं।