Digital Personal Data Bill: आज दुनियाँ का हर काम डिजिटल होते जा रहा है। हमारा भारत भी डिजिटल भारत होने के राह पर चल पड़ा है। लोकसभा ने सोमवार को ‘digital personal data संरक्षण विधेयक, 2023’ को अपना लिया है जिसकी सहायता से व्यक्तिगत डेटा को डिजिटल रूप से संरक्षण दिया जाएगा। इसके माध्यम से देश के 140 करोड़ रहवासी के व्यक्तिगत डेटा का सुरक्षित रूप से digitally संरक्षण किया जाएगा।
आज की तारीख में करीबन 90 करोड़ भारतीय इंटरनेट का उपयोग करते है। भारतियों के डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक को लेकर 48 संगठनों तथा 39 विभागों/मंत्रालयों ने चर्चा किया अथवा इनसे 24 हजार सुझाव/विचार प्राप्त हुए।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने ये बताया है कि विधेयक पर काफ़ी सरल भाषा का उपयोग किया जाएगा ताकि इसे हर कोई उपयोग कर सके। इस विधेयक से आपका डेटा सुरक्षित एवं संरक्षित रहेगा; आपके द्वारा दिए गए डेटा का किसी भी प्रकार से misuse नहीं किया जाएगा।
डेटा का दुरूपयोग ना होने की गारंटी।
• जितना डेटा चाहिए, उतना ही डेटा लिया जाए।
• किसी व्यक्ति के निजी डेटा में बदलाव आने पर उसके अनुरूप ही अनुपालन किया जाए।
• जितने समय तक डेटा को रखना चाहिए, उतने ही समय तक रखा जाए।
भारत के diversity को देखते हुए इस विधेयक के संबंध में संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित 22 भाषाओं में नोटिस देने को सुनिश्चित किया गया है अथवा यूरोपीय कानून में 16 अपवाद का उल्लेख का ध्यान रखते हुए इस विधेयक में चार अपवाद उल्लेखित किए गए है।
केंद्रीय मंत्री का विपक्ष दल के विरोध को लेकर क्या कहना है?
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने विपक्ष के विरोध को देखते हुए कहा, “अच्छा होता कि विपक्षी सदस्य इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा करते लेकिन विपक्ष को नागरिकों और उनके अधिकारों की कोई चिंता नहीं है बल्कि इन्हें सिर्फ नारे लगाने हैं, चर्चा में कोई रुचि नहीं है।” इसके बाद आगे भारतीय जनता पार्टी के पी चौधरी ने कहा, “ विधेयक में सभी विषयों पर बेहतर संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। अपवाद की स्तिथि पर भी खास ध्यान रखा गया है।
आगे वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कृष्ण देवरयालू ने कहा, “आज के समय में डेटा काफी महत्वपूर्ण है और इसे ‘न्यू ऑयल’ कहा जा रहा है, ऐसे में यह विधेयक काफ़ी महत्पूर्ण है। इस विधेयक में नुकसानों को स्पष्ट नहीं किया गया है तथा ‘डाटा पोर्टिबिलिटी’ पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।”
आगे कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई का कहना है कि यह कानून निजता के अधिकार का हनन करता है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह अंतिम विधेयक नहीं है और इसे समीक्षा के लिए संसदीय समिति के पास भेजने की जरूरत है।
इस विधेयक को लेकर औऱ भी बड़े नाम चर्चा में सामने आ रहे जैसे कि आरएसपी सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी,अधीर रंजन चौधरी, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव,बीजू जनता दल की शर्मिष्ठा सेठ,संजय सेठ,अश्विनी वैष्णव,बहुजन समाज पार्टी के रितेश पांडे,तेलुगू देशम पार्टी के जयदेव गल्ला आदि।
विधेयक को लेकर विपक्षी दल तरह तरह की बाते कर विधेयक का विरोध कर रहे है वहीं विधेयक के समर्थक डट कर इसका समर्थन कर रहे है। ‘डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023’ लोगों को अपने डेटा को सुरक्षा के साथ digitally संरक्षित रखने का मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
समर्थक मंत्रियों के जबाब के पश्चात् लोकसभा ने ‘डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023’ को मंजूरी दे दी है। ये कदम डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाने में काफ़ी सहायता करेगा।