Shiv Nadar भारतीय व्यवसायी और उद्यमिता के प्रतीक माने जाते हैं। उन्होंने अपने उद्योग में अनगिनत सफलताएँ प्राप्त की है और अपने सामाजिक और व्यापारिक कार्यों से मानवता की सेवा करते आए हैं। भारतीय उद्यमिता की दुनिया में शिव नादार का नाम गर्वशीलता से लिया जाता है।
उन्हें HCL कॉर्पोरेशन की स्थापना करने और उसे एक बड़े और मान्यता प्राप्त आईटी कंपनी में बदलने का श्रेय जाता है। वे न केवल एक व्यवसायी हैं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं जिन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुधार क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हुए हैं।
Shiv Nadar का जन्म 14 जुलाई 1945 को तमिलनाडु के मूलाइपोझी गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई तमिलनाडु के कांचीपुरम से की और फिर चेन्नई के प्रेसिडेंस कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। फोर्ब्स के अनुसार, वह जून 2023 तक 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुमानित संपत्ति के साथ भारत के तीसरे और दुनिया के 50वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
HCL कॉर्पोरेशन की शुरुआत
1976 में, जब आईटी और सॉफ़्टवेयर इंडस्ट्री अभी नया था, Shiv Nadar ने HCL कॉर्पोरेशन की स्थापना की। उन्होंने एक छोटे से शुरुआती पूँजी के साथ इस कंपनी की शुरुआत की और उसे एक बड़े सफलतापूर्ण कंपनी में बदला।
HCL कॉर्पोरेशन की शुरुआत में उन्होंने नौकरियों की अवस्था में कुछ नया करने का फैसला लिया। वे भारतीय उद्यमिता की दुनिया में स्थान बनाने के लिए नौकरियों की बजाय उन्हें नौकरी देने की दिशा में बदले। उन्होंने युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए HCL स्कूल ऑफ अद्वितीय प्रौद्योगिकी की स्थापना की जो उद्यमिता और नए विचार की प्रोत्साहन करती है।
1981 में उन्होंने एचसीएल तकनीकल एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की, जिसने भारत में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया। इसके साथ ही Shiv Nadar ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान किया है। उन्होंने संगीत और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नयी स्कूल की स्थापना की जो छात्रों को आदर्श शिक्षा प्रदान करती है। Shiv Nadar ने शिक्षा, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अपने अद्वितीय समर्पण के लिए भारतीय समाज के बीच बड़ी सम्माननीयता प्राप्त की है।
नादार द्वारा किये गए सामाजिक कार्य
Shiv Nadar के सामाजिक योगदान का परिणामस्वरूप उन्हें विभिन्न सम्मान और पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पद्म भूषण भी शामिल है। उन्होंने भारतीय संस्कृति और शिक्षा के प्रति अपनी गहरी प्रेम भावना को दिखाया है। Shiv Nadar के बिना स्वार्थ के सेवाभाव ने उन्हें एक समाजसेवी बनाया है जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान किया है। उनके द्वारा स्थापित की गई फाउंडेशन और संगठन भारतीय समाज को और भी मजबूत बनाने में सहायक हो रहे हैं।
1996 में, नादर ने अपने पिता शिवसुब्रमण्यम नादर के नाम पर चेन्नई, तमिलनाडु में SSN College of Engineering की स्थापना की। नादर ने कॉलेज की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसमें कॉलेज को एचसीएल के 10 लाख रुपये मूल्य के शेयर उपहार में देना भी शामिल था।
Shiv Nadar के कार्यों और योगदान के परिणामस्वरूप, उन्होंने विभिन्न सम्मान और पुरस्कार प्राप्त किए हैं। साल 2008 में IT industry में उनके कंट्रीब्यूशन के लिए उन्हें पद्म भूषण ( Padma Bhushan ) से सम्मानित किया गया है, जो भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च सिविल सम्मान है।
Shiv Nadar एक ऐसे उद्यमिता हैं जो न केवल व्यवसाय में बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हुए हैं। उन्होंने न केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण से बल्कि शिक्षा, सेवा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके संघर्ष, मेहनत और समर्पण से वे देशभक्ति और सेवाभाव की अद्वितीय मिसाल हैं।