वामन जयंती (Vamana Jayanti) पर विष्णु जी के वामन अवतार की पूजा पूरे भारतवर्ष में की जाती है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था. विशेष तौर पर इस दिन यदि आप सही तरह से पूजा पाठ करते हैं तो इससे आपको काफी लाभ मिलता है. भगवान वामन श्री हरि के दशावतार में से पांचवे अवतार थे जिन्होंने तीन कदमों में तीनों लोक नाप कर प्रहलाद पौत्र राजा बलि का घमंड तोड़ा था.
इस विधि से करें पूजा
वामन जयंती (Vamana Jayanti) के अवसर पर दक्षिणावर्ती शंख में गाय का दूध मिलाकर वामन देव की प्रतिमा का अभिषेक करना चाहिए. पूजा पाठ के दौरान आप पीले रंग के फूल, रोली, मौली, नैवेद्ध अर्पित करें. जब कथा सुनने की विधि खत्म हो जाए तो अंत में चावल, दही और मिश्री का दान कर किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराए, इससे आपका पूजा सफल होता है.
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ये है शुभ मुहूर्त
इस दिन विशेष तौर पर श्रवण नक्षत्र का विशेष महत्व होता है. 25 सितंबर को सुबह 11:55 से लेकर 26 सितंबर को सुबह 9:42 तक यह रहेगा. पूजा करने का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 9:12 से लेकर दोपहर 1:43 तक रहेगा. कहा जाता है कि इस दिन पूरे मन से पूजा पाठ करते हुए और वामन जयंती (Vamana Jayanti) की कथा सुनकर इस व्रत को खत्म करने की विधि होती है, जो अति शुभ माना जाता है. यदि आप कथा नहीं सुनते हैं तो आपकी व्रत पूरी नहीं मानी जाती है.