Car crash testing in India: भारत में कई प्रकार के कारों को आप सड़क पर चलते देखते हैं। लेकिन क्या आपको पता होती है की ये कारें कितनी सुरक्षित होती है। नहीं, लेकिन अब जल्द ही भारत में भी कारों की सेफ्टी के लिए टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएंगी। मीडिया रिपोर्ट्स से आइ इस ख़बर के अनुसार ग्लोबल एनसीएपी की तरह ही भारत में भी भारत एनसीएपी को शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अहमद महमूद ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि भारत में न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम क्रैश टेस्ट मानदंड को एक अक्तूबर 2023 से लागू किया जा सकता है। इसके लिए भारत में पूरी तैयारी कर ली गई है। इस टेस्ट के भारत में शुरू हो जाने से ये फायदा होगा की ग्राहक अपनी नई कार खरीदने से पहले ही कार के सेफ्टी की जानकारी ले सकते हैं। अभी तक भारत में कुछ कारों के मॉडल्स का ही क्रैश टेस्ट हो पाता है जिसके कारण कई कारों का क्रैस टेस्ट नहीं हो पाने के कारण उसकी खामियां सामने नहीं आ पाती है। भारत में इस टेस्ट के शुरू हो जाने से उनमें सेफ्टी की जानकारी मिल जाएगी।
कुछ दिन पहले ही स्कोडा की तरफ से एक सर्वे किया गया था जिसकी रिपोर्ट से जानकारी मिली थी कि भारत में ग्राहक अब कार खरीदते समय उसकी मायलेज से ज्यादा उसकी सेफ्टी पर ध्यान देकर खरीदते हैं। इस सर्वे के अनुसार 10 में से 9 ग्राहक कारों को सुरक्षा रेटिंग के आधार पर खरीदते हैं। इस सर्वेक्षण नतीजे में ये सामने आया है कि कार खरीदने से पहले ग्राहक दो फीचर्स का सबसे ज्यादा ध्यान रखते हैं जिसमें कार की क्रैश-रेटिंग और एयरबैग की संख्या है। इसके साथ ही तीसरे नंबर पर माइलेज आता है।