Ethanol Flex Fuel Car: भारत में जल्द ही इथेनॉल-आधारित ईंधन या फ्लेक्स-फ्यूल पर चलने वाले कार और दोपहिया वाहन देखने को मिलेगा। इन इलेक्ट्रिक वाहनों की मदद से भारत को जल्द ही कार्बन डाइऑक्साइड से हो रहे पॉल्यूशन से निपटने में आसानी होगी। यह इथेनॉल आधारित वाहनो की शुरुआत टोयोटा कैमरी से होगी जो पूरी तरह से इथेनॉल पर चलेगा।
रविवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, देश में जल्द ही इथेनॉल आधारित वाहन पेश किए जाएंगे, जिसकी शुरुआत टोयोटा कैमरी से होगी, जिसे इस साल अगस्त में लॉन्च किए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस तरीके से भारत में एक बार फिर ऐसे वाहनों की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है जो प्रदूषण को कम करने और पेट्रोल और डीजल जैसे महंगे फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। साथ ही इसके मार्केट में आने से इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा वैकल्पिक ईंधन पर गाड़ियों को चलया जा सकेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पेट्रोल और डीजल के रूप में हरित ईंधन के उपयोग के बहुमुखी फायदों में दृढ़ विश्वास रखते हैं। उनका कहना है कि इन वाहनों को यूज करके भारत अपने कच्चे तेल के आयात बिल को काफी कम कर सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इथेनॉल आधारित ईंधन पर स्विच करने से पर्यावरण को भी फायदा मिल सकता है और यह उपभोक्ताओं के लिए भी ज्यादा लागत प्रभावी हो सकता है। रविवार को, गडकरी ने कहा, “हम नए वाहन ला रहे हैं जो पूरी तरह से इथेनॉल पर चलेंगे। जिसमें बजाज, टीवीएस और हीरो के स्कूटर 100 प्रतिशत इथेनॉल पर चलेंगे।” मंत्री जी ने कहा, “अगर आप इसकी तुलना पेट्रोल से करेंगे तो इथेनॉल का रेट 60 रुपये है जबकि पेट्रोल का रेट 120 रुपये प्रति लीटर है। साथ ही यह 40 फीसदी बिजली पैदा करेगा। औसत 15 रुपये प्रति लीटर होगा।” इसके साथ ही उन्होंने ये ऐलान किया कि वह अगस्त में टोयोटा कैमरी लॉन्च करेंगे, जो भारत की पहली इथेनॉल कार होगी। इसके साथ ही यह लग्जरी सेडान 40 फीसदी बिजली भी पैदा करने में सक्षम होगी।
भारत ने 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य हासिल करने का लक्ष्य बनाया है। भारतीय सरकार का वैकल्पिक ईंधन पर भरोसा करने का एक प्रमुख कारण पेट्रोल और डीजल की ज्यादा लगने वाली लागत है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है जिससे की अब कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। आपको बता दें कि इथेनॉल मूल रूप से ईथाइल अल्कोहल है जिसे गुड़, अनाज और कृषि में बचे हुए सामानो से बनाया जाता है। एक स्टडी के मुताबिक भारत में इथेनॉल मिश्रण और इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने से इनवायरोमेंट में फैले कार्बन डाइऑक्साइड को 15 पर्सेंट तक कम किया जा सकता है। इथेनॉल मूल रूप से ईथाइल अल्कोहल है जो गुड़, अनाज और कृषि में बचे हुए सामान से बनाया जाता है। आईसीआरए के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए इथेनॉल मिश्रण और इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाना साथ-साथ चलेगा, जो कुल उत्सर्जन में 15 प्रतिशत का योगदान देता है।