जर्मन लक्जरी कार निर्माता कंपनी Mercedes ने आज से 133 साल पहले, 22 नवंबर 1891 को अपनी पहली टेस्ट ड्राइव की शुरुआत की थी। यह टेस्ट ड्राइव जर्मनी के कैनस्टैट शहर में हुई थी।
इस टेस्ट ड्राइव में Mercedes की पहली कार, मर्सिडीज 35 hp शामिल थी। इस कार को डेमलर-मोटरेन-गेसेलशाफ्ट (Daimler-Motoren-Gesellschaft) कंपनी ने बनाया था। डेमलर-मोटरेन-गेसेलशाफ्ट कंपनी को बाद में डेमलर-बेंज (Daimler-Benz) कंपनी में बदल दिया गया।
Mercedes 35 hp एक 4-सिलेंडर, 35 हॉर्सपावर वाली कार थी। इस कार की टॉप स्पीड 75 किलोमीटर प्रति घंटा थी। इस कार की टेस्ट ड्राइव में कंपनी के संस्थापक गॉटलिब डेमलर और विल्हेम मेबैक ने हिस्सा लिया था।
Mercedes की टेस्ट ड्राइव की शुरुआत एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस घटना ने मर्सिडीज कंपनी के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। मर्सिडीज कंपनी आज दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित लक्जरी कार निर्माता कंपनियों में से एक है।
Mercedes नाम का इतिहास
Mercedes नाम जेलिनेक की बेटी, मर्सिडेस जेलिनेक से लिया गया था। मर्सिडेस एक खूबसूरत और प्रतिभाशाली लड़की थीं और वह अपने पिता की मोटरस्पोर्ट्स रुचियों में बहुत रुचि रखती थीं। जेलिनेक ने अपनी बेटी के नाम पर कार का नाम रखने का फैसला किया क्योंकि वह उन्हें इसकी सफलता की गारंटी मानते थे।
गॉटलिब डेमलर एक जर्मन इंजीनियर थे। उन्होंने 1872 में एक छोटी इंजन कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी का नाम डेमलर-मोटरेन-गेसेलशाफ्ट था। एमिल जेलिनेक एक ऑस्ट्रियन व्यवसायी थे। वे एक तेज रफ्तार वाली कार के शौकीन थे। उन्होंने डेमलर-मोटरेन-गेसेलशाफ्ट कंपनी से एक कार बनवाने का आर्डर दिया। इस कार का नाम उन्होंने अपनी बेटी मर्सिडेस के नाम पर रखा।
मर्सिडीज की पहली कार 22 नवंबर 1900 को कैनस्टैट में उद्घाटन अभियान के लिए ले जाई गई थी। यह कार विशेष रूप से एमिल जेलिनेक के लिए बनाई गई थी, जोकि एक तेज और आकर्षक कार की तलाश में थे। कार को “Mercedes” नाम दिया गया था, जो जेलिनेक की बेटी का नाम था।
Mercedes की पहली कार एक बड़ी सफलता थी। यह कार अपने समय की सबसे तेज और सबसे आकर्षक कारों में से एक थी। इस कार की सफलता ने मर्सिडीज कंपनी को दुनिया की सबसे प्रसिद्ध और सफल लक्जरी कार निर्माता कंपनियों में से एक बना दिया।
आज, Mercedes दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित लक्जरी कार ब्रांडों में से एक है। कंपनी अपनी उच्च गुणवत्ता वाली कारों, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा के लिए जानी जाती है। 1902 में, डेमलर-मोटरेन-गेसेलशाफ्ट कंपनी ने एमिल जेलिनेक की बेटी मर्सिडेस के नाम पर एक नई कार लॉन्च की। इस कार को मर्सिडीज 35 hp कहा गया। इस कार की सफलता के बाद, डेमलर-मोटरेन-गेसेलशाफ्ट कंपनी ने अपनी सभी कारों का नाम मर्सिडीज रखना शुरू कर दिया।