Vehicle Scrapping Test: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को सभी स्टेकहोल्डर्स से Vehicle Scrapping नीति का समर्थन करने का आग्रह किया। एक स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि यह सभी के लिए जीत की स्थिति है। इस नीति का उद्देश्य 15-20 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना और नए वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करना है।
इस मौके पर संबधित करते हुए गडकरी ने कहा कि वाहनों की लचीली मांग बनाने के लिए कई पहल शुरू की गई हैं जैसे राजमार्गों का विश्व स्तरीय नेटवर्क बनाना, बसों का विद्युतीकरण और वाहनों की अनिवार्य स्वचालित फिटनेस परीक्षण। उन्होंने कहा कि ऑटो मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए और देश को दुनिया का सबसे बड़ा ऑटो उद्योग बनने में समर्थन देना चाहिए। इसके साथ ही गडकरी ने कहा, “ऑटो उद्योग इस नीति का सबसे बड़ा लाभार्थी है, उन्हें आगे आना चाहिए और तीन मुख्य स्तंभों का समर्थन करना चाहिए।”
मंत्री ने कहा कि उद्योग को स्वचालित परीक्षण स्टेशन और पंजीकृत Vehicle Scrapping सुविधाएं स्थापित करने में अधिक निवेश लाना चाहिए, अपने डीलर नेटवर्क के माध्यम से नीतिगत लाभों के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता बढ़ानी चाहिए और वाहनों को स्क्रैप करने पर नागरिकों द्वारा प्राप्त जमा प्रमाणपत्र के खिलाफ अंतिम छूट प्रतिशत की पेशकश करनी चाहिए।
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आपको बता दे की भारत में पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए अभी भी पर्याप्त संख्या में Vehicle Scrapping यूनिट्स नहीं बनाई गयी हैं। लेकिन मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स जैसे कार निर्माता पहले ही देश भर में अपनी Vehicle Scrapping यूनिट्स लॉन्च कर चुके हैं। वही इससे पहले गडकरी ने कहा था कि कार निर्माताओं और डीलरों को प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ऐसी सुविधाएं स्थापित करने के लिए आगे आना चाहिए।
वहीं Vehicle Scrapping के बारे में बताते हुए सड़क, परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने ऑटो उद्योग से देश भर में स्क्रैप सेंटर और स्वचालित परीक्षण स्टेशन स्थापित करने का आग्रह किया। और इस बात पर जोर दिया कि उक्त नीति से ऑटो बिक्री में लगभग 8 प्रतिशत की वृद्धि होने और देश की जीडीपी में लगभग 0.5 प्रतिशत का योगदान होने की संभावना है। इसलिए, ऑटो ओईएम को नीति को निर्बाध समर्थन प्रदान करना चाहिए।