Bihar सरकार ने आज साल 2024 के लिए स्कूलों का छुट्टी कैलेंडर जारी कर दिया है। इस कैलेंडर में कुछ हिंदू त्योहारों की छुट्टियां कम कर दी गई हैं, जबकि कुछ मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। नए कैलेंडर में कुल 36 दिनों का अवकाश है। इनमें 20 दिनों का साप्ताहिक अवकाश और 16 दिनों का अन्य अवकाश शामिल है।
सरकार के इस फैसले से कुछ संगठनों में निरशा बानी हुई है। उनका कहना है कि सरकार ने हिंदू समुदाय के साथ सौतेला व्यवहार किया है। वहीं, मुस्लिम संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि सरकार ने मुस्लिम समुदाय के हितों का ध्यान रखा है।
सरकार के नए कैलेंडर के अनुसार, शिवरात्रि, जन्माष्टमी, रक्षाबंधन, तीज और जितिया जैसे त्योहारों पर स्कूलों में छुट्टी नहीं रहेगी। वहीं, ईद-उल-फितर और ईद-उल-अज़हा पर तीन-तीन दिन की छुट्टी रहेगी। इसी के साथ गर्मी की छुट्टी को 20 दिनों से बढ़ाकर 30 दिनों तक कर दिया है। अब ग्रीष्मकालीन अवकाश 15 अप्रैल से 15 मई तक होगा।
सरकार का कहना है कि इस फैसले से अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को पढ़ाई करने का अधिक समय मिलेगा। वहीं, हिंदू संगठनों का कहना है कि सरकार ने हिंदू त्योहारों को कम महत्व दिया है।
हिंदू संगठनों ने सरकार से मांग की है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और हिंदू त्योहारों पर भी उतनी ही छुट्टियां दे जितनी कि मुस्लिम त्योहारों पर दी जाती हैं।
Bihar में स्कूलों की छुट्टियों को लेकर हमेशा से ही विवाद रहा है। कुछ सालों पहले सरकार ने कुछ हिंदू त्योहारों की छुट्टियां कम कर दी थीं, तब भी हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया था। देखना होगा कि सरकार अपने इस फैसले पर अड़ी रहती है या हिंदू संगठनों के दबाव में आकर इसे बदल देती है।
सरकार का बचाव
Bihar सरकार का कहना है कि यह फैसला सभी धर्मों को सम्मान देने के लिए लिया गया है। सरकार का कहना है कि मुस्लिम त्योहारों पर पहले से ही दो दिन की छुट्टी होती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर तीन दिन कर दिया गया है। साथ ही, ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अजहा के बीच में पड़ने वाले जुमा के दिन भी छुट्टी रहेगी। सरकार का कहना है कि यह फैसला सभी धर्मों के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर लिया गया है।
क्या है Bihar में स्कूल छुट्टी कैलेंडर का इतिहास?
Bihar में स्कूल छुट्टी कैलेंडर को लेकर हमेशा से विवाद होता रहा है। कुछ सालों पहले तक Bihar में हिंदू त्योहारों पर ज्यादा छुट्टियां होती थीं, लेकिन बाद में सरकार ने इन छुट्टियों को कम कर दिया। अब सरकार ने मुस्लिम त्योहारों पर छुट्टियां बढ़ाकर एक बार फिर से विवाद खड़ा कर दिया है।