भागलपुर की जीवन रेखा मानी जाने वाली Champaनदी को नया जीवन मिलने वाला है। जिले की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाली Champa नदी के जीर्णोद्धार की राह प्रशस्त हो गई है। जिलाधिकारी नवीन किशोर ने नदी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण के लिए सर्वेक्षण का आदेश दिया है। इस पहल से न केवल नदी का सौंदर्यीकरण होगा, बल्कि बाढ़ की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिलेगी। इस कदम से उम्मीद जगी है कि Champa नदी एक बार फिर अपनी पुरानी गरिमा हासिल कर सकेगी।
नदी की दयनीय स्थिति
Champa नदी, जो कभी भागलपुर की जीवन रेखा मानी जाती थी, अब सूखकर लगभग लुप्त हो चुकी है। अतिक्रमण, प्रदूषण और जल दोहन के कारण नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इससे न केवल आसपास के इलाकों में जल संकट गहरा हुआ है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
वर्तमान में Champa नदी की स्थिति काफी दयनीय है। अतिक्रमण, प्रदूषण और उपेक्षा के कारण नदी सिकुड़ती जा रही है। घाटों की हालत जर्जर हो चुकी है और आसपास गंदगी का अंबार लगा रहता है। इस कारण नदी न सिर्फ अपना सौंदर्य खो चुकी है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनती जा रही है।
जीर्णोद्धार योजना की मुख्य बातें
जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार, सर्वेक्षण में नदी की चौड़ाई, गहराई, प्रदूषण स्तर, अतिक्रमण की स्थिति और घाटों की मरम्मत की जरूरतों का आकलन किया जाएगा। सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर जीर्णोद्धार योजना तैयार की जाएगी। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, योजना में नदी की सफाई, घाटों का जीर्णोद्धार, अतिक्रमण हटाओ अभियान, वृक्षारोपण और सौंदर्यीकरण जैसे कार्य शामिल हो सकते हैं।
जिलाधिकारी के आदेश के बाद लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता सर्वेक्षण शुरू करेंगे। इस सर्वेक्षण में नदी के वर्तमान स्थिति, जल प्रवाह, अतिक्रमण और प्रदूषण के स्तर का आकलन किया जाएगा। साथ ही, नदी के पुनरुद्धार के लिए संभावित उपायों पर भी विचार किया जाएगा।
लाभदायक साबित होगा जीर्णोद्धार
Champa नदी का जीर्णोद्धार ना सिर्फ भगलपुर की सुंदरता बढ़ाएगा, बल्कि इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, नदी के आसपास के लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। प्रदूषण कम होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी कम होंगी। इसके अलावा, नदी के जीर्णोद्धार से भूजल स्तर को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
जिलाधिकारी के आदेश के बाद भगलपुरवासियों में Champa नदी के जीर्णोद्धार को लेकर काफी उत्साह है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जल्द से जल्द इसे धरातल पर उतारा जाएगा।