बिहार के बेगुसराय जिले का एक पिछड़ा Village पिछले सात सालों के डेवलपमेंट के बाद आदर्श गांव बन गया है। बेगुसराय जिले का सुविधाविहीन पंचायत सादपुर में पिछले सात वर्षों में इतनी तरक्की हुई है की अब यह गांव आदर्श स्थिति में पहुंच गया है। इस गांव की मुखिया के दृढ़ इच्छाशक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, संयुक्त परिवार में मिले अनुभव ने इस गांव को इस मुकाम पर पहुंचाया है।
2016 से है गांव की मुखिया
साल 2016 के मुखिया चुनाव में महिलाओं को आरक्षण मिलने के कारण बबिता देवी को चुनाव लड़ने का अवसर मिला। उस दौरान बबीता के परिवार की प्रतिष्ठा और ज्ञान को देख Village के लोगों ने उन्हें मुखिया चुना। जिसके बाद बबीता ने अपने पहले कार्यकाल में ही इतने कार्य को किया और लोगों तक सारी सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई की दुसरी बार भी गांव वालों ने उन्हें ही अपना मुखिया चुना। इस कार्यकाल के दौरान बबीता को अपने समाजसेवी पती पप्पू कुमार ने भरपूर सहयोग किया।
बबीता ने अपने कार्यकाल के दौरान Village को आगे बढ़ाने के लिए पढ़ाई, दवाई, सफाई और कमाई इन चार बिंदुओं पर काम किया। इस दौरान उन्होंने सरकार तक डायरेक्टर कॉन्टेक्ट करके पंचायत में आइटीआइ, एएनएम ट्रेनिंग कालेज, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बस पड़ाव, कचरा प्रबंधन केंद्र व फर्नीचर क्लस्टर की स्थापना कराई।
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अलग-अलग गांवों में खोला दो कार्यालय
इस दौरान उन्होंने Village में छोटी-छोटी बातों पर झगडा होते देख पंचायत के अलग-अलग गांवों में दो कार्यकाल खोला। जहां वो नियमित बैठक लोगों के छोटे-मोटे विवाद का समाधान करती थी। जिसके बाद से बहुत कम मामले को कोर्ट तक पहुंचने लगे। इस बात पर मुखिया बबीता का कहना था की अगर हर रोज़ ग्रामीण छोटी छोटी बातों पर उलझेंगे तो मानसिक शांति छीनने के कारण पूरे परिवार का विकास रुक जाएगा। तब उनके लिए किसी विकास कार्य का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
गांव के युवाओं को बनाया आत्मनिर्भर
बबीता अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए कहती हैं कि, जब वह पहली बार मुखिया बनी थी तो उस समय उन्हें बहुत सारी चुनौतियों का एक साथ सामना करना पड़ा था। उस दौरान उन्होंने 25 हजार की आबादी को मूलभूत सुविधाएं नाली, गली, जलापूर्ति उपलब्ध कराने के साथ Village के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाकर आर्थिक रुप से मजबूत बनाने का काम किया था।
इसके लिए वह खुद केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों के अलावा उच्च अधिकारियों से मिलती थी। और Village में एएनएम कॉलेज और आइटीआइ कॉलेज को बनवाने के लिए स्वीकृती दिलवाई। इसके अलावा उन्होंने परिवहन विभाग के सचिव से मिलकर गांव में ही बस अड्डे का निर्माण करवाया। साल 2020-21 में उन्होंने गांव में छह बेड वाले अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना भी करवाई।
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जिला में बनवाया पहला कचरा निस्तारण केंद्र
इसके अलावा मुखिया बबीता ने पंचायत स्तर पर कचरा निस्तारण केंद्र की भी स्थापना कराई। जिसमें 37 स्वच्छताकर्मियों की नियुक्ति की गई। जो घर-घर से कचरा उठाकर ले जाते हैं। वहीं Village में साफ-सफाई की निगरानी के लिए प्रबुद्ध लोगों की टीम भी बनाई गई है। इसी स्वच्छता के कारण इस मार्च के महीने में पंचायत को जिलास्तर पर बेस्ट स्वच्छता अवार्ड दिया गया है। एक अमृत सरोवर के अलावा पंचायत में 10 पोखर का निर्माण कराया गया है। इसमें निजी आठ एकड़ ज़मीन पर विशाल पोखर शामिल है। जिसमें मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे लोगों को एक नया रोजगार मिल गया है।