Green Vegetables: गर्मियों की दस्तक के साथ ही बिहार में Vegetables के दाम आसमान छूने लगे हैं। इस साल गर्मी का सितम कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है, जिसका असर सब्जियों के उत्पादन पर भी पड़ा है। पिछले कुछ दिनों में सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिससे गरीबों की थाली से Green Vegetables गायब हो गई हैं। इतना ही नहीं, मध्यमवर्गीय परिवार भी सब्जियों की बढ़ती कीमतों की मार झेल रहे हैं।
आसपास के गांवों से नहीं आ रहीं सब्जियां
खबर के मुताबिक, सब्जियों के दामों में वृद्धि का मुख्य कारण आसपास के गांवों से सब्जियों की आवक में कमी होना है। गर्मी के कारण सब्जियों का उत्पादन कम हो गया है, जिस वजह से मांग के अनुरूप सब्जियां बाजारों में नहीं पहुंच पा रहीं हैं। किसान सब्जियों की डिमांड को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
Vegetables की ये बेतहाशा वृद्धि आसपास के गांवों से बाजारों में सब्जियों की आवक कम होने के कारण हो रही है। किसान मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते बाजारों में सब्जियों के दामों में आग लगी हुई है। सब्जियों की ये ऊंची कीमतें गरीबों के लिए किसी मार से कम नहीं हैं। गरीब परिवारों को अब अपनी थाली से हरी सब्जियों को बाहर करना पड़ रहा है।
आलू-प्याज का सहारा ले रहे लोग
खबर के मुताबिक, फिलहाल हरी सब्जियों के दाम 50 रुपये से लेकर 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। लौकी, तोरी, करेला जैसी सब्जियां आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं। कुछ सब्जियां तो ऐसी हैं जिनके दाम 100 रुपये प्रति किलो को भी पार कर गए हैं।
सब्जियों की ऊंची कीमतों के चलते लोगों को अपनी जेब का खर्च देखना पड़ रहा है. कई परिवार तो सब्जियों का सेवन कम कर दिया है, वहीं, कई गरीब परिवार सब्जियों का सेवन पूरी तरह से बंद कर चुके हैं। ऐसे में गरीब परिवारों का सहारा सिर्फ आलू और प्याज ही बचा है।
गौरतलब है कि सब्जियों की बढ़ती कीमतों का असर गरीबों पर ही नहीं बल्कि मध्यमवर्गीय परिवारों पर भी पड़ रहा है। जहां पहले लोग खूब सब्जियों का सेवन करते थे, वहीं अब उन्हें अपनी सब्जी की खपत में कटौती करनी पड़ रही है।
सरकार से नहीं मिल रही है राहत
सब्जियों की आसमान छूती कीमतों को लेकर लोगों का कहना है कि सरकार सब्जियों के दामों को नियंत्रित करने में नाकामयाब साबित हो रही है. जिसका सीधा असर गरीब तबके पर पड़ रहा है.
उम्मीद की जाती है कि सरकार जल्द से जल्द इस समस्या पर ध्यान देगी और Vegetables की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाएगी. ताकि गरीबों को भी अपनी थाली में हरी सब्जियां देखने को मिल सकें.
लोगों का क्या है कहना
एक सब्जी विक्रेता का कहना है कि गर्मी का मौसम होने के कारण सब्जियों की आवक कम हो गई है। साथ ही पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने भी सब्जियों के दामों को प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि परिवहन खर्च बढ़ने से सब्जियों के दामों में भी इजाफा हुआ है।
वहीं, एक ग्राहक का कहना है कि Vegetables के इतने अधिक दाम होने के कारण उन्हें अपनी सब्जी की खपत कम करनी पड़ी है। अब वह सिर्फ आलू और प्याज जैसी ही सब्जियां खरीद पा रहे हैं।
Vegetables की बढ़ती कीमतों को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए और सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित करना चाहिए।