बिहार में प्रदूषण कम करने और ईंधन खर्च बचाने की राह पर एक बड़ा कदम उठाते हुए, नीतीश कुमार सरकार ने Electric Vehicles को बढ़ावा देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने Electric Vehicles की खरीद पर 75% तक मोटर वाहन कर में छूट देने का फैसला किया है। ये छूट पहले 10,000 दोपहिया और 1,000 चार पहिया Electric Vehicles पर लागू होगी।
ये छूट “बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023” का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य राज्य में Electric Vehicles को आम बनाना है। इसके अलावा, सरकार खरीदारों को सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन देने की भी योजना बना रही है।
बिहार सरकार ने Electric Vehicles (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पहली बार पंजीकृत होने वाले 10,000 दोपहिया और 1,000 चारपहिया ईवी पर मोटर वाहन कर में 75% तक की छूट देने की घोषणा की है। यह छूट बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023 के तहत दी जा रही है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण कम करना और ईवी को अपनाने को बढ़ावा देना है। पहली नज़र में यह कदम सराहनीय लगता है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह वाकई में बिहार के लिए खुशखबरी है या फिर यह दूर का सपना है?
आकर्षक छूट पर केवल सीमित वर्ग को ही मिलेगा फायदा
Electric Vehicles पर 75% टैक्स छूट आकर्षक लगती है, लेकिन हकीकत यह है कि कुल छूट का लाभ सीमित वर्ग को ही मिलेगा। सबसे पहले, यह छूट केवल पहले 10,000 दोपहिया और 1,000 चारपहिया वाहनों पर ही लागू होती है। यह संख्या इतनी कम है कि पात्रता हासिल करना मुश्किल हो सकता है। दूसरा, छूट का मूल्य वाहन की लागत पर निर्भर करता है, जिसका मतलब है कि कम लागत वाले ईवी पर छूट का लाभ भी कम होगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी दोपहिया ईवी की कीमत ₹50,000 है, तो 75% छूट केवल ₹37,500 होगी, जो वास्तविक बचत के रूप में कम है।
Electric Vehicles की खरीद पर कर में छूट के साथ प्रोत्साहन राशि का भी लाभ दिया जाएगा। एससी-एसटी वर्ग के खरीदारों को प्रति इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की खरीद पर 10 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वहीं अन्य वर्ग के लोगों को 7500 प्रति वाहन राशि देय होगी। इलेक्ट्रिक चारपहिया गाडि़यों के लिए एससी-एसटी वर्ग के खरीदारों को 1.50 लाख रुपये प्रति वाहन जबकि अन्य वर्ग को 1.25 लाख रुपये प्रति वाहन देय होगा।
चुनौतियां: बुनियादी ढाँचा और जागरूकता
छूट के अलावा, ईवी अपनाने के लिए बुनियादी ढाँचा और जागरूकता प्रमुख बाधाएं हैं। बिहार में अभी चार्जिंग स्टेशनों का पर्याप्त नेटवर्क नहीं है। शहरों में कुछ स्टेशन हो सकते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में तो उनकी संख्या न के बराबर है। बिना पर्याप्त चार्जिंग सुविधा के लोग ईवी खरीदने में हिचकिचाएँगे। इसके अलावा, ईवी के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी जरूरी है। लोगों को ईवी के फायदों के बारे में शिक्षित करना होगा, जैसे प्रदूषण कम होना, ईंधन की बचत और कम रखरखाव लागत।
सकारात्मक पहलू
हालाँकि चुनौतियाँ हैं, लेकिन बिहार सरकार की यह पहल सकारात्मक है। यह भविष्य की राह दिखाती है और ईवी को अपनाने के लिए प्रोत्साहन देती है। छूट के अलावा, सरकार ईवी खरीदारों को सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन भी देने की योजना बना रही है। साथ ही, सरकार चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है। ये सभी कदम मिलकर बिहार में ईवी को अपनाने को बढ़ावा दे सकते हैं।