Bihar: बिहार के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थलों में से एक राजगीर को कई धर्मों का संगम स्थल माना जाता है। राजगीर बहुत साडी धार्मिक चीज़ो के लिए देश में प्रशिद्ध है लेकिन यहाँ की सबसे ज्यादा बैतरणी नदी में डुबकी लगाने के लिए लोगो की भीड़ उमर्टी है। राजगीर में मलमास मेले के दौरान श्रद्धालुओं का काफी भीड़ देखा जाता है। इसके साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि साल में अधिक मास होने के कारण 1 महीने तक राजगीर में 33 कोटि देवी देवता प्रवास करते हैं।
वैतरणी नदी क्यों मानी जाती है खास?
वैतरणी नदी हंदुओं के लिए बहुत खास मानी जाती है। लेकिन राजगीर में मलमास मेले के दौरान वैतरणी नदी का महत्व और भी जयादा बढ़ जाता है। लोगो के बिच ऐसी मान्यता है कि गाय की पूंछ पकड़कर वैतरणी नदी के भवसागर को पार करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके श्रद्धा के बारे में बताते हुए वैतरणी घाट के आचार्य संजय पांडे ने बताया कि द्वापर युग में राजा जरासंध के पिता राजा वशु ने इस स्थल पर यज्ञ करवाया था। और उसी समय से इस वैतरणी घाट का निर्माण हुआ। तबसे यहां तीन प्रकार के लोग पहुंचते हैं और दान दक्षिणा करते हैं।
यहां सबसे पहले वो लोग आते है जो गाय की पूछ पकड़ कर भवसागर को पार करते हैं, जिसके मान्यता है की जो इंसान अपने जीवन काल में ऐसा करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके बाद अधिक मास (मलमास) में जिनके माता-पिता की मृत्यु हो जाती है वो उनके मोक्ष की कामना के लिए वैतरणी घाट पर पिंडदान करते हैं। वही तीशरे प्रकार के लोग दर्शनार्थी लोग होते है जो देश प्रदेश से यहाँ घूमने के लिए आते हैं।
कई देशों से पहुंचते हैं श्रद्धालु
राजगीर में मलमास मेले के दौरान वैतरणी नदी में स्नान करने एवं भवसागर को पार करने को एक बहुत बड़ा धर्म का काम माना जाता है। जिसके लिए बहुत सारे लोग देश की अलग अलग राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा नेपाल से भी श्रद्धालु यहाँ पहुंचते हैं। इसके ये भी मन जाता है की पुरे मलमास मेले के दौरान राजगीर क्षेत्र में एक भी कौवा दिखाई नहीं देता है। इसके पीछे की कहानी के बारे में वह के पुरोहितो से पता चलता है की जब 33 कोटि देवी देवता को राजगीर बुलाने के लिए आह्वान किया जा रहा था। तब कौवा को निमंत्रण नहीं दिया गया था। जिसके बाद से इस पुरे एक महीने तक कौवा राजगीर में दिखाई नहीं देता है।
जिला प्रशासन की क्या है वयवस्था?
एक महीने तक चलने वाले मलमास मेले के लिए राजगीर जिला प्रशाशन ने साडी तैयारियां कर ली है। लोगो की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा वैतरणी घाट पर रहने के लिए आश्रय, टॉयलेट, महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम की पर्याप्त सुविधा की वयवस्था की गयी है। इसके साथ ही भीड़ की सुरक्षा के लिए जगह जगह पर पुलिस बलों की तैनाती की गयी है। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने कई जगहों पर लोगो की सुरक्षा और सुविधा के लिए नियंत्रण कक्ष एवं चिकित्सक कक्ष भी बनाया है।