बिहार शिक्षा विभाग ने गैर-मान्यता प्राप्त Private Schools पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। विभाग ने ऐसे स्कूलों को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराने का सख्त निर्देश दिया है। यदि गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद भी ये स्कूल पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें ताला लगाना भी शामिल है।
यह कदम उन खबरों के बाद उठाया गया है, जिनमें कई Private Schools द्वारा मनमानी फीस वृद्धि, अनुचित शिक्षण शुल्क और गैर-कानूनी गतिविधियों की शिकायतें सामने आई हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि ये स्कूल शिक्षा व्यवस्था को खराब कर रहे हैं और छात्रों के हितों का शोषण कर रहे हैं।
पंजीकरण करना है अनिवार्य
शिक्षा विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य करने के पीछे विभाग का मकसद इन Private Schools पर नजर रखना और उनकी गतिविधियों को नियंत्रित करना है। पंजीकरण के माध्यम से विभाग को इन स्कूलों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी, जैसे कि उनके शिक्षक, पाठ्यक्रम, फीस संरचना, सुविधाएं आदि।
विभाग का कहना है कि गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसके साथ ही यदि कोई स्कूल बार-बार उल्लंघन करता है, तो उसका मान्यता पत्र रद्द भी किया जा सकता है।
अभिभावकों को राहत
विभाग ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को केवल मान्यता प्राप्त Private Schools में ही दाखिला करवाएं। इस खबर से गैर-मान्यता प्राप्त Private Schools में हड़कंप मच गया है। कई स्कूलों ने जल्दबाजी में शिक्षा विभाग में पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, कुछ स्कूल बंद होने की तैयारी में हैं।
यह खबर उन छात्रों और अभिभावकों के लिए राहत की बात है जो गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की मनमानी से परेशान थे। शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने की उम्मीद है।
यह कदम अभिभावकों के लिए भी राहत की बात है, जो अक्सर इन Private Schools द्वारा की जाने वाली मनमानी से परेशान रहते हैं। अब अभिभावक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर जाकर किसी भी स्कूल की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और यह भी पता लगा सकते हैं कि क्या स्कूल मान्यता प्राप्त है या नहीं।