Bihar: जमुई जिले के सोनो प्रखंड के सिझौड़ी गांव में मंगलवार दोपहर एक तालाब से एक तालाब की खोदाई के दौरान भगवान Surya की प्राचीन प्रतिमा मिली। भगवान Surya की एक प्राचीन मूर्ति मिलने से इतिहास प्रेमियों में रोमांच का संचार हो गया है। मिट्टी से बनी इस मूर्ति को पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों ने 10वीं शताब्दी की बताया है।
स्थानीय ग्रामीण राजीव कुमार मंडल के अनुसार, गांव के पश्चिम स्थित तालाब से मिट्टी निकालने के दौरान यह मूर्ति मिली। मूर्ति के मिलने की खबर फैलते ही गांव में लोगों की भीड़ लग गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने मूर्ति की जांच की और इसे 10वीं शताब्दी की होने का अनुमान लगाया।
मूर्ति की लंबाई लगभग 3 फीट है और यह खड़े हुए Surya देव को दर्शाती है। मूर्ति में Surya देव को सात घोड़ों के रथ पर सवार दिखाया गया है। उनके हाथों में कमल के फूल और चक्र हैं। मूर्ति की कलाकृति काफी अच्छी है और इसमें Surya देव के चेहरे पर शांति और सौम्य भाव झलकते हैं।
पुरातत्व विभाग के सहायक निदेशक डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि मूर्ति को सुरक्षित रखने के लिए इसे जमुई संग्रहालय ले जाया जाएगा। वहां पर इस पर विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि मूर्ति का निर्माण किस कालखंड में हुआ था और इसका ऐतिहासिक महत्व क्या है।
डॉ. सिंह ने बताया कि जमुई में पहले भी कई प्राचीन मूर्तियां मिल चुकी हैं। इससे यह पता चलता है कि यह क्षेत्र प्राचीन काल में कला और संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र रहा होगा। उन्होंने कहा कि इस मूर्ति की खोज से क्षेत्र के इतिहास पर प्रकाश डालने में मदद मिलेगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी मान्यता थी कि इस तालाब में कोई देवी-देवता विराजमान हैं। अब इस मूर्ति के मिलने से उनकी मान्यता और मजबूत हो गई है। ग्रामीणों ने इस मूर्ति को गांव में ही स्थापित करने की मांग की है ताकि वे इसकी पूजा कर सकें।
सूचना पर पहुंचे बीडीओ अमित कुमार, सीओ कृष्ण कुमार सौरभ एवं पुलिस प्रशासन की टीम ने प्रतिमा का अवलोकन किया। उन्होंने इसकी सूचना पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी को दी।
हालांकि, पुरातत्व विभाग का कहना है कि मूर्ति का संरक्षण जरूरी है और इसे संग्रहालय में ही रखा जाएगा। वहां पर इसकी सही से देखभाल की जा सकेगी। भविष्य में गांव में एक संग्रहालय बनाया जा सकता है, जहां इस मूर्ति को प्रदर्शित किया जा सकता है।