Bird Sanctuary: पर्यावरण दिवस के अवसर पर बिहार को एक बड़ी सौगात मिली है। भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर यह घोषणा करते हुए बताया है कि बिहार के दो महत्वपूर्ण Bird Sanctuary नांगी और नकटी को रामसर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। इससे पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत की प्रतिबद्धता और महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि स्थलों के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों को बल मिला है।
क्या होते हैं रामसर स्थल?
रामसर स्थल आर्द्रभूमि क्षेत्रों का एक अंतरराष्ट्रीय पदनाम है। रामसर कन्वेंशन एक अंतर सरकारी संधि है जिसको 1971 में ईरान के रामसर शहर में अपनाया गया था। इस अंतरराष्ट्रीय संधि का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर आर्द्रभूमि के संरक्षण और बुद्धिमानी से उपयोग को बढ़ावा देना है। इसमें झीलें, तालाब, दलदल, नदियां, नदी डेल्टा, मटियाला भूमि, पीटलैंड, समुद्री घास के मैदान, मूंगे की चट्टानें और मानव निर्मित आर्द्रभूमि जैसे जलाशय शामिल हैं। बिहार के दोनों ही सेंचुरी का कुल क्षेत्रफल 544.37 हेक्टेयर है। इसके साथ ही देश में रामसर साइट का कुल क्षेत्रफल अब बढ़कर 13.32 लाख हेक्टेयर से अधिक का हो गया है।
आर्द्रभूमि संरक्षण का महत्व
आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये न केवल जलीय जैव विविधता को आश्रय प्रदान करते हैं बल्कि बाढ़ नियंत्रण, जल शुद्धिकरण, भंडारण और जलोत्सर्ग जैसी महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी सेवाएं भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा, आर्द्रभूमि मछली पालन, पर्यटन और मनोरंजन जैसी आर्थिक गतिविधियों का भी समर्थन करते हैं।
बिहार के लिए नांगी और नकटी पक्षी अभयारण्य का महत्व
नांगी और नकटी पक्षी अभयारण्य बिहार के महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि स्थल हैं। ये दोनों अभयारण्य स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियों का आवास हैं। इन अभयारण्यों को रामसर स्थल की सूची में शामिल करना न केवल इन क्षेत्रों के पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि इससे आने वाले समय में पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
बिहार के लिए उपलब्धि
नागई और नकटी Bird Sanctuary को रामसर स्थल का दर्जा मिलना बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे न केवल इन वेटलैंड्स के संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि इससे पर्यावरण पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
नागई और नकटी पक्षी अभयारण्य जमुई जिले में स्थित है। नागई Bird Sanctuary लगभग 67 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां कई तरह के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर नकटी Bird Sanctuary का क्षेत्रफल लगभग 90 हेक्टेयर है। यहां भी विभिन्न प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं।
रामसर स्थल का दर्जा मिलने के लाभ
रामसर स्थल का दर्जा मिलने से नागई और नकटी Bird Sanctuary को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त होगी। इससे इन वेटलैंड्स के संरक्षण और संवर्धन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धन प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, रामसर स्थल का दर्जा मिलने से पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।