Google Pay in Foreign: भारत में डिजिटल पेमेंट्स का बोलबाला है और यूपीआई (Unified Payments Interface) तो मानो क्रांति ही ला दी है। अब सिर्फ एक क्लिक में पैसे ट्रांसफर करना उतना ही आसान हो गया है जितना की मोबाइल पर चैट करना।
मगर भारतीय जो अक्सर विदेश यात्रा करते हैं, उनका ये सपना था कि यूपीआई का जादू विदेश में भी चलता तो कैसा होता और वो दिन अब दूर नहीं है, क्योंकि गूगल पे ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ मिलकर विदेशों में भी यूपीआई पेमेंट्स की सुविधा शुरू करने का समझौता किया है।
यह समझौता भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। अब भारतीय पर्यटक और विदेश में रहने वाले भारतीय अपने UPI ऐप्स (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm आदि) के जरिए अंतरराष्ट्रीय लेन-देन कर सकेंगे। उन्हें विदेशी बैंक खातों, क्रेडिट कार्ड या अन्य भुगतान प्रणालियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे विदेश यात्राओं के दौरान कैश ले जाने की झंझट कम होगी और लेन-देन सुरक्षित और सुविधाजनक बनेंगे।
NPCI और Google Pay के इस समझौते से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी काफी फायदा होगा। विदेश में UPI के इस्तेमाल से भारतीय मुद्रा का लेन-देन बढ़ेगा, जिससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती मिलेगी। साथ ही, भारत की डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी को दुनियाभर में पहचान मिलेगी और अन्य देश भी UPI को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि UPI से विदेश में Google Pay पेमेंट कब तक शुरू हो पाएगा। इसके लिए NPCI और Google Pay को विदेशी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर काम करना होगा। साथ ही, विदेशी मुद्रा विनियमन प्राधिकरण जैसे नियामक निकायों से भी मंजूरी लेनी होगी। लेकिन, दोनों पक्षों ने जल्द ही इस सेवा को शुरू करने की कोशिश करने का वादा किया है।
UPI के विदेश में इस्तेमाल के लिए फिलहाल कुछ चुनिंदा देशों को ही चुना जा सकता है। संभावना है कि शुरुआत में सिंगापुर, यूएई, अमेरिका और यूके जैसे देशों में UPI पेमेंट शुरू किए जाएं। यह भी तय नहीं है कि शुरुआत में सभी प्रकार के लेन-देन UPI के जरिए हो सकेंगे। हो सकता है कि शुरुआत में सिर्फ छोटे-मोटे खर्चों के लिए UPI का इस्तेमाल किया जा सके।
क्या है इस समझौते का उद्देश्य
- यह भारत के बाहर के यात्रियों के लिए यूपीआई पेमेंट के इस्तेमाल को व्यापक बनाना चाहता है। इससे वह विदेशों में आसानी से लेनदेन कर पाएंगे।
- एमओयू का उद्देश्य अन्य देशों में यूपीआई जैसी डिजिटल पेमेंट सिस्टम स्थापित करने में सहायता करना है। यह निर्बाध वित्तीय लेनदेन के लिए एक मॉडल देता है।
- यह यूपीआई बुनियादी ढांचे का उपयोग करके देशों के बीच क्रॉस बॉर्डर फाइनेंशियल एक्सचेंज के प्रोसेस को आसान बनाने पर ध्यान देता है।
लेकिन, यह पहला कदम है एक बड़े बदलाव की ओर। भारत की डिजिटल कहानी में UPI का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। आने वाले समय में भारत की यह टेक्नोलॉजी पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ सकती है और डिजिटल भुगतान को और भी आसान और सार्वभौमिक बना सकती है।