Loan Pre-Payment: एक आम इंसान के जीवन में बहुत सारी परेशानियां होती है। एक मध्यम वर्ग के परिवार के पास अक्सर लंबे पैरों के साथ छोटी चादर होती है ,अर्थात आय से ज्यादा खर्च होते है। परंतु चलते रहना ही जीवन का सार है। जीवन में जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं। यह देशभर में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली बैंकिंग सेवाओं में से एक है।
समस्या की बात ये है कि बैंकिंग सिस्टम credit creation के लिए लोन पर ब्याज का प्रतिबंध लगा देती है।इससे ये काफ़ी महंगा हो जाता है। लोन का सही रूप से लाभ आप तभी ले सकते है जब आपको ब्याज कम से कम चुकाना पड़े जिसके लिए आप Pre-Payment जैसे विकल्प का रास्ता चुन सकते है।
Pre-Payment करने पर करना होगा नॉमिनल charges का भुगतान
Tenure period समाप्त होने से पहले से लोन के भुगतान का ऑप्शन चुनने पर ज्यादातर बैंक और एनबीएफसी प्री-क्लोजर चार्जेज़ लेते हैं। प्री-क्लोजर चार्जेज बकाया लोन राशि के 1 से 5 फीसदी की दर से लिया जाता है। बकाया राशि के ज्यादा होने पर आप pre-payment करके फायदे में रह सकते है क्योंकि बकाया राशि पर pre-payment के बाद किसी भी EMI का भुगतान नहीं करना होता है।
Pre-Payment से सुधारे अपने क्रेडिट स्कोर, अगला लोन पाने में होगी आसानी
क्रेडिट स्कोर लोन लेने वाले के लिए एक रिपोर्ट कार्ड की तरह होता है जो कि आश्वासन देता है कि लोन लेने वाले की लोन चुकाने की कितनी क्षमता है। Pre-payment करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर अच्छा असर देखने को मिलता है जिससे आगे चलकर आपको लोन लेने में सुविधा होगी। लोन समय से पहले चुकाने से क्रेडिट स्कोर में आपकी एक अच्छी image बनती है जो कि लेन देन के system काफ़ी लाभदायक है।
फायदे को जाने, नुकसान होने से पहले हो जाए सावधान
कब होगा फायदा :
• आपको लोन लेने के कुछ ही समय के अंदर ही यानी जब तक आप इसकी आधे से कम EMI भुगतान करते है तभी तक आपको लाभ होगा।
कब होगा नुकसान :
• लोन का एक बड़ा हिस्सा चुका देने पर आपको प्री-पेमेंट से बहुत अधिक फायदा नहीं होगा क्योंकि:
• EMI के साथ ही बड़े पयमाने पर ब्याज का भुगतान करना होगा।
• आपको प्री-क्लोज़र चार्जेज भी देने होंगे।