Card-on-File Tokenization: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑनलाइन लेनदेन की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ऑनलाइन सुरक्षा के लिए कार्ड टोकनाइजेशन की शुरुआत के बाद, बैंक ने जारीकर्ता बैंक स्तर पर सीधे Card-on-File (सीओएफ) टोकन निर्माण को सक्षम करने का प्रस्ताव दिया है। इस कदम से कार्डधारकों के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपने खातों में टोकन बनाना और लिंक करना अधिक सुविधाजनक हो जाएगा।
लेकिन ऑनलाइन खरीदारी करने वालों और इधर उधर से फायदा लेने वाले ग्राहकों के लिए इसका वास्तव में क्या मतलब है? 2020 में आरबीआई ने यह निर्धारित किया था कि भुगतान एग्रीगेटर्स और व्यापारियों को Card-on-File (सीओएफ) के रूप में जाना जाने वाला वास्तविक कार्ड डेटा संग्रहीत नहीं करना चाहिए, इसके बजाय सभी संग्रहीत कार्ड डेटा को टोकन किया जाना चाहिए।
इसी तरह से टोकेनाइजेसन कार्ड डिटेल्स को एक यूनिक एल्गोरिथम रूप से जेनरेटेड कोड से बदल देता है जिसे ‘टोकन’ कहा जाता है। यह टोकन कार्ड डिटेल्स को बिना सार्वजनिक किए लेनदेन करने में मदद करेगा। जैसा की आपने जाना आरबीआई ने नए Card-on-File टोकनाइजेशन चैनल (सीओएफटी) लॉन्च किए हैं, जो क्रेडिट/डेबिट कार्ड उपयोगकर्ताओं को अपने बैंक के ऐप या वेबसाइट के माध्यम से टोकन जेनरेट करने में सक्षम बनाता है।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से यह बदलाव टोकन जेनरेशन से संबंधित डेटा सुरक्षा चिंताओं को कम करेगा, आख़िर कैसे? BankBazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने इस पर बताते हुए कहा, “अब तक, Card-on-File टोकन केवल भुगतान करते समय व्यापारी के एप्लिकेशन या वेबपेज के माध्यम से बनाया जा सकता था। जिसके नेक्स्ट स्टेप में, अब यूजर्स के लिए जारीकर्ता बैंक में सीधे टोकन बनाना संभव होगा।
इसी के साथ उन्होंने कहा की ,उम्मीद यह है कि एक बार Card-on-File लागू हो जाने के बाद, आप सीधे अपने बैंक खाते से ई-कॉमर्स साइटों के लिए अपने कार्ड टोकन बनाने और प्रबंधित करने में सक्षम होंगे, काफी हद तक नेट बैंकिंग या बैंकिंग ऐप्स पर अपनी क्रेडिट सीमा और खर्च सीमा निर्धारित करने की तरह ही है। यह आपको अपने कार्ड टोकन को मैनेज करने का अधिक नियंत्रण देगा और आपको वेबसाइट को एक्सेस किये बिना, आपको अच्छी तरह से टोकन जोड़ने, संशोधित करने और हटाने की अनुमति देगा।