Scientist Murli: मालिक आज कल के बच्चे काबिल होने से मतलब नहीं रखते बल्कि कामयाब होने से रखते है। पर हर एक बच्चे को जो IIT या फिर IIM जैसे बड़े कॉलेज में पढ़ने का सपना देखते है उन्हें ये समझना चाहिए कि इंसान को पहले काबिल बनने के लिए पढ़ना चाहिए तब कामयाबी खुद ही उनके क़दमों में जा गिरेगी। ऐसी ही कुछ कहानी है Divi’s Labs के Founder मुरली दिवी की, जिसने किसी बड़े शैक्षिक संस्थान से पढ़ाई नहीं की है परंतु फिर भी वो आज हैदराबाद के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और वह दुनिया के सबसे अमीर Scientist में से एक हैं।
मुरली दिवी जन्म आंध्र प्रदेश के एक छोटे से शहर में हुआ था। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। ₹10,000 की पेंशन से घर चलाने वाला का बेटा मुरली आज करोड़ो का मालिक है। उन्होंने MIT, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज से बैचलर ऑफ फार्मेसी कोर्स पूरा किया है। फोर्ब्स के अनुसार, मुरली की कुल संपत्ति लगभग ₹ 53,000 करोड़ रुपये है। API के टॉप-3 मैन्युफैक्चरर में से एक है दिविज लैब्स का मार्केट कैप लगभग ₹97,476 करोड़ रुपये का है।
असफलता से सफलता की ओर बढे मुरली
कहते है ना कि हार के जीतने वाले को बाजीगर कहते है। ये कहावत मुरली जैसे व्यक्तियों के लिए ही बनी है। मुरली 12वीं कक्षा की परीक्षा में दो बार असफल हुए परंतु उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। 1976 में मुरली दिवि ने 25 साल की उम्र में हाथ में केवल ₹500 लेकर अमेरिका चले गए और फार्मासिस्ट के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
₹500 के साथ मुरली अमेरिका गए थे और वहाँ से लौटने वक्त 40,000 अमेरिकी डॉलर के साथ भारत लौटे थे। अमेरिका में ट्रिनिटी केमिकल और फाइक केमिकल्स जैसी कंपनियों में काम किया और साल में लगभग 65,000 अमेरिकी डॉलर कमाए। 1984 में मुरली दिवि ने केमिनोर बनाने के लिए कल्लम अंजी रेड्डी के साथ हाथ मिलाया, जिसका 2000 में डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के साथ विलय कर दिया गया।
Divi’s Labs ने किया 88 billion का Revenue अपने नाम
Divi’s Labs को 1990 में लॉन्च किया गया। मुरली दिवि ने 6 साल तक डॉ. रेड्डीज लैब्स में काम करने के बाद 1995 में मुरली दिवि ने अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग सुविधा चौटुप्पल (तेलंगाना) में स्थापित की। 2002 में उन्होंने विशाखापत्तनम के पास कंपनी की दूसरी मैन्युफैक्चरिंग यूटिलिटीज शुरू की। सूत्रों के अनुसार Divi’s Labs ने मार्च 2022 में 88 बिलियन रुपये का रेवेन्यू अपने नाम कर लिया है। Divi’s Labs कामयाबी का दूसरा नाम है।