देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शनिवार को “विश्व की सबसे बड़ी Grain storage scheme” के पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। यह योजना सहकारी क्षेत्र में शुरू की जा रही है और इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक भंडारण सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
योजना की खासियतें
देश भर के 11 राज्यों में 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) में Grain storage scheme का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को अपने अनाज को सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से भंडारित करने के लिए आधुनिक गोदामों की सुविधा मिलेगी। योजना से जुड़े सभी गोदामों को आपस में जोड़ा जाएगा, जिससे अनाज की आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होगा। किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
सरकार का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में देश भर में 215 मिलियन टन की अनाज भंडारण क्षमता को बढ़ाना है। Grain storage scheme के तहत देश भर में 500 से अधिक प्राथमिक कृषि ऋण समितियों में गोदामों सहित अन्य कृषि अवसंरचना का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से किसानों को काफी लाभ होगा और देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।
Grain storage scheme के पायलट प्रोजेक्ट के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के बाद इसे देश भर में विस्तारित किया जाएगा। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंचे। किसानों को इस योजना के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है।
Grain storage scheme को कृषि अवसंरचना कोष और कृषि विपणन अवसंरना जैसी मौजूदा योजनाओं के माध्यम से लागू किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर PACS के लिए एक आम सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जो उन्हें कुशलता से काम करने में मदद करेगा। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में भारत की अनाज भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 215 मिलियन टन करना है।