2023 Amarnath Dham Yatra: हिन्दू धर्म में चार धामों की यात्रा को पवित्र और धार्मिक माना जाता है। इसी चार धामों में से एक है अमरनाथ धाम यात्रा। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अमरनाथ धाम की यात्रा कर इस शिवलिंग का दर्शन करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर साल शिव भक्त इस यात्रा के शुरू होने का इंतजार करते हैं। अमरनाथ धाम के शिवलिंग को बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां शिवलिंग एक बर्फ के रूप में विराजमान यानी बर्फ लिंगम हैं। इसी अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपने अमर होने की कथा सुनाई थी। इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है। वहीं इस यात्रा का समापन 31 अगस्त 2023 को सावन पूर्णिमा के दिन होगा। इस बार अमरनाथ धाम पूरे 62 दिनों के लिए खुलेगा।
कौन और कैसे कर सकते है रजिस्ट्रेशन ?
अमरनाथ यात्रा करने वाले शिवभक्तों को इस यात्रा से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसका ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 17 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया https://jksasb.nic.in की वेबसाइट और ऐप से कर सकते हैं। वहीं इसका ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन जम्मू-कश्मीर की 20 बैंक शाखाओं में 17 अप्रैल से की जा रही है। आपको बता दें कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से दिए गए दिशा निर्देश में बताया है कि इस यात्रा में शामिल होने वाले लोगों की उम्र 13 साल से 70 साल के बीच की होनी चाहिए। इसके साथ ही छह हफ्ते से ज्यादा की गर्भवती महिला को भी इस यात्रा में जाना वर्जित है।
अमरनाथ धाम की क्या है पौराणिक कथा
अमरनाथ धाम की यात्रा करने के दौरान कुछ स्थान मिलते है जिसकी मान्यता है कि जब भगवान शिव देवी पार्वती को गुफा में अमर कथा सुनाने ले गए थे उस वक्त उन्होंने अपने गणों को अलग-अलग स्थान पर छोड़ दिया। जिसमें से नंदी को पहलगाम, चंद्रमा को चंदनवाड़ी, सर्प को शेषनाग नामक स्थान पर और पंचतरणी पर गंगा जी को छोड़ दिया था। पार्वती जी का 51 शक्तिपीठों में से एक का शक्ति पीठ अमरनाथ गुफा में भी है जहां पार्वती जी का कंठ गिरा था। यहां के शिवलिंग की यह भी मान्यता है कि यह दुनियां का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है जिसका आकार चंद्रमा की रौशनी पर बढ़ता और घटना है। इस शिवलिंग का आकार श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पूरा रहता है उसके बाद इसका आकार घटना शुरू हो जाता है। जिसके बाद अमावस्या तक इसका आकार काफी घट जाता है।