भारत, म्यांमार और थाईलैंड को जोड़ने वाले महत्वाकांक्षी त्रिपक्षीय Highway परियोजना का 70% कार्य पूरा हो चुका है। इस परियोजना का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी दी है।
कितनी हुई है परियोजना की प्रगति
भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय Highway परियोजना का कुल लंबाई लगभग 1,360 किलोमीटर है। यह Highway भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से शुरू होकर म्यांमार के तामू, कालवा और मंडाले होते हुए थाईलैंड के माए सॉट तक जाएगा। इस परियोजना को 2020 में शुरू किया गया था। इस परियोजना का उद्देश्य भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को म्यांमार और थाईलैंड के साथ सड़क मार्ग से जोड़ना है। इसके माध्यम से भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
नितिन गडकरी ने बताया कि इस परियोजना का 70% काम पूरा हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि बाकी के काम को तेजी से पूरा करने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है। गडकरी ने इस परियोजना को भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करेगा।
त्रिपक्षीय राजमार्ग के लाभ
इस Highway के बनने से भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच सीधी कनेक्टिविटी होगी। इससे तीनों देशों के बीच व्यापार में वृद्धि होगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह परियोजना भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में मदद करेगी। इन राज्यों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
परियोजना की चुनौतियाँ
इस परियोजना के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। सबसे बड़ी चुनौती म्यांमार और थाईलैंड के विभिन्न भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों से निपटना है। इसके अलावा, क्षेत्रीय संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता भी परियोजना के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद, परियोजना के सफल समापन के लिए सभी संबंधित पक्ष पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
इस परियोजना को पूरा करने में म्यांमार के अंदरूनी हिस्सों में सुरक्षा स्थिति और मौसम की समस्याओं ने काम को प्रभावित किया है। गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। म्यांमार और थाईलैंड के साथ मिलकर सभी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है ताकि परियोजना को समय पर पूरा किया जा सके।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद, भारत सरकार की योजना है कि इस राजमार्ग को अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ भी जोड़ा जाए। इसके तहत लाओस, कंबोडिया और वियतनाम को भी इस नेटवर्क में शामिल करने की योजना है। इससे पूरे क्षेत्र में एक मजबूत सड़क नेटवर्क बनेगा जो आर्थिक विकास को गति देगा।
क्षेत्रीय विकास में भी होगा मददगार
यह राजमार्ग न केवल व्यापारिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति देगा। यह परियोजना पूर्वोत्तर भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगी। साथ ही, यह Highway पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा, जिससे क्षेत्र के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। गडकरी ने बताया कि Highway के किनारे कई पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
यह परियोजना भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच मजबूत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इन तीनों देशों के बीच बढ़ती कनेक्टिविटी न केवल व्यापारिक और आर्थिक लाभ प्रदान करेगी, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करेगी। गडकरी ने बताया कि परियोजना के तहत म्यांमार और थाईलैंड के अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें हो रही हैं, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा को दूर किया जा सके।
स्थानीय समुदायों का लाभ
इस परियोजना से न केवल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि स्थानीय स्तर पर भी लाभ मिलेगा। Highway के निर्माण से स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। इसके अलावा, स्थानीय उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का अवसर मिलेगा, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।