34 साल बाद फिर से 1989-90 के Kashmiri हिंदू नरसंहार के मामले को लेकर वाद-विवाद किया जा रहा है। इस केस से कुछ विशेष नाम जुड़े हुए है जैसे कि रिटायर्ड न्याधीश नीलकंठ गंजू जिनकी हत्या यासीन के जेकेएलएफ आतंकवादियों ने 4 नवंबर 1989 को श्रीन लेक में कर दी थी। न्याधीश नीलकंठ गंजू ने ही पहले जेकेएलएफ आतंकी मकबूल को फांसी की सजा सुनाई थी।
इस हत्याकांड को लेकर जम्मू कश्मीर में दहशत का माहौल हो गया। आज 34 साल बाद जम्मू कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने हत्याकांड से जुड़े सबूतों को इकट्ठा करने के वास्ते विज्ञापन का सहारा लिया जिसमे ये स्पष्ट रूप से दर्ज था कि जो कोई इंसान इस हत्याकांड के विषय में किसी भी तरह की जानकारी रखते है, वो आगे आकर SIA की इस केस को सुलझाने में सहायता करें।
जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में बड़े आतंकी दल का पर्दाफाश करके सजाई सुनाई थी, जैसे कि:
•अगस्त 1968 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक और नेता मकबूल भट को 1966 में पुलिस इंस्पेक्टर अमर चंद की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई थी। 1968 में दिए गए भट की सजा को 1982 में सुप्रीम कोर्ट में भी बरकरार रखा गया अथवा 1984 में भट को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।
•ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक रवींद्र महात्रे की हत्या का दोषी करार करते हुए जेकेएलएफ आतंकी मकबूल को फांसी की सजा सुनाई थी।
मामले से जुड़ा SIA ने निकाला विज्ञापन
SIA ने विज्ञापन के जरिए नीलकंठ गंजू हत्याकांड के लिए चश्मदीद गवाह इकट्ठा करने का प्रयास कर रहे है। SIA ने घटना से परिचित लोगों से आगे आकर जानकारी देने के लिए अपील की है। इसके साथ ही SIA ने ये आश्वासन भी दिया है कि जानकारी देने वाले लोगों को गुप्त रखा जाएगा ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
अगर आपके पास इस घटना से जुड़ी कोई भी जानकारी हो तो आप निम्न माध्यम के द्वारा संपर्क करके जानकारी प्रदान कर सकते है:
• फ़ोन नंबर: 8899004976
• Email Id : sspsia-kmr@jkpolice.gov.in
उपर्युक्त पते पर आप संपर्क कर इस केस को जल्द से जल्द सुलझाने में सहायता कर सकते है।