भारतीय नौसेना ने एक ऐतिहासिक क्षण का स्वागत किया जब सब लेफ्टिनेंट Anamika B. Rajeev को भारतीय नौसेना की पहली महिला हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में गोल्डन विंग्स से सम्मानित किया गया। यह महत्वपूर्ण आयोजन 14 अक्टूबर को कोच्चि में भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसेना कमान के एयर स्क्वाड्रन के मुख्यालय में आयोजित किया गया था। इस समारोह में Anamika B. Rajeev के साथ कई अन्य नौसैनिक अधिकारियों को भी गोल्डन विंग्स से नवाजा गया, जिन्होंने अपनी प्रशिक्षण अवधि सफलतापूर्वक पूरी की थी।
Anamika की उपलब्धि देश के लिए गर्व
Anamika की यह उपलब्धि नौसेना और देश के लिए गर्व का क्षण है। उनके इस महत्वपूर्ण योगदान ने महिलाओं को सैन्य सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है और यह साबित किया है कि महिलाएं भी हर क्षेत्र में अपनी क्षमता को साबित कर सकती हैं। यह भारतीय नौसेना की उस पहल का भी हिस्सा है जिसमें महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में शामिल किया जा रहा है और उन्हें समान अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय नौसेना के प्रमुख दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि हमारे पास Anamika जैसी अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रशिक्षण और प्रतिबद्धता के साथ यह सम्मान प्राप्त किया है। यह नौसेना की महिला अधिकारियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।”
अन्य अधिकारियों को भी किया गया सम्मानित
Anamika की इस उपलब्धि के अलावा, समारोह में कई अन्य अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। लेफ्टिनेंट कमांडर विजय कुमार, लेफ्टिनेंट अर्जुन सिंह, और सब लेफ्टिनेंट रवि शंकर को भी गोल्डन विंग्स से नवाजा गया। इन अधिकारियों ने अपनी कठिन और समर्पित प्रशिक्षण अवधि को सफलतापूर्वक पूरा किया और नौसेना के लिए गर्व का कारण बने।
समारोह में उपस्थित सभी अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए यह एक अत्यधिक सम्मानजनक और गर्व का क्षण था। Anamika की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के समान ही सफल हो सकती हैं, बशर्ते उन्हें उचित अवसर और समर्थन मिले। यह भारतीय नौसेना के उस संकल्प का भी प्रतीक है जिसमें महिलाओं को अधिक से अधिक भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
Anamika ने इस अवसर पर अपने परिवार, प्रशिक्षकों और सहकर्मियों का धन्यवाद किया और कहा, “मैं इस सम्मान के लिए अत्यंत आभारी हूं और अपने देश के लिए सेवा करने का यह अवसर पाकर गर्व महसूस कर रही हूं। मैं सभी महिलाओं से कहना चाहूंगी कि वे अपने सपनों का पीछा करें और किसी भी बाधा से न डरें।”
22 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद मिला डिग्री
बेसिक कन्वर्जन कोर्स (बीसीसी) के तीन अधिकारियों ने पहले चरण का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। नौसेना के एयर स्क्वॉड्रन में 22 सप्ताह के गहन प्रशिक्षण के बाद इन पायलटों को डिग्री प्रदान की गई है। फ्लाइंग में ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पाने वाले प्रशिक्षु पायलट लेफ्टिनेंट गुरकीरत राजपूत को एफओसीइनसी, पूर्वी नौसेना कमान रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, सब लेफ्टिनेंट कुंटे मेमोरियल बुक पुरस्कार लेफ्टिनेंट नितिन शरण चतुर्वेदी को प्रदान किया गया। यह सम्मान और पुरस्कार नौसेना के युवा अधिकारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को पहचानने का प्रतीक है।
नौसेना की फ्रंट-लाइन में किया जाएगा नियुक्त
हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण स्कूल आईएनएस राजली, अरक्कोणम में स्थित है। पायलटों को नौसेना की विभिन्न फ्रंट-लाइन परिचालन इकाइयों में नियुक्त किया जाएगा, जहां वे टोही, निगरानी, खोज और बचाव और समुद्री डकैती रोधी जैसे विविध मिशनों पर काम करेंगे। बेसिक हेलीकॉप्टर कन्वर्जन कोर्स (बीएचसीसी) के अधिकारियों ने पहले चरण का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और अब उन्हें हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण स्कूल में दूसरे चरण का प्रशिक्षण लेना होगा। इस प्रशिक्षण के बाद, ये पायलट नौसेना के महत्वपूर्ण परिचालन मिशनों में अपना योगदान देंगे।