Arvind Kejriwal Bungalow Renovation: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि सरकारी बंगले की रिनोवेशन को लेकर भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) द्वारा उनके आवास की ऑडिट की जा रही है। इस संबंध में केंद्र ने शीर्ष लेखा परीक्षक से अनुरोध इस जांच की अनुरोध की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली सरकार ने साल 2020 और 2022 के बीच 45 करोड़ रुपये सीएम के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर खर्च किए थे। जिसमें ये पैसे आयातित संगमरमर, आलीशान आंतरिक सज्जा, रसोई के गैजेट्स पर खर्च किये गए थे। सरकारी बंगले की रिनोवेशन के लिए किए जा रहे खर्च की जांच के लिए CAG ने अपनी टीम को नियुक्त कर दिया है। इस ऑडिट के दौरान, CAG द्वारा बंगले के रिनोवेशन के लिए किए जा रहे सभी खर्चों की विस्तृत जांच की जाएगी।
इस मामले में सफाई देते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा था कि सीएम आवास की हालत खराब है और यह सरकारी संपत्ति है जिसका रिनोवेशन करने का समय आ गया था। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने एक ‘तथ्यात्मक रिपोर्ट’ में कहा कि केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर कुल 52.71 करोड़ रुपये की लागत आई थी। लेकिन इसमें से घर के निर्माण पर सिर्फ 33.49 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। और बाकी के 19.22 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय पर खर्च किए गए हैं।
वहीं इस मामले के सामने आने के बाद भाजपा और आप के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है जिसमें भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर सीधा निशाना साधा है। इस मामले में, अरविंद केजरीवाल की राजनीतिकी मुश्किलें बढ़ रही हैं, क्योंकि आरोप उनके प्रशंसकों और दल के विरोधियों के बीच विवाद को गहरा रहा है। इसके अलावा, CAG के ऑडिट के परिणाम की प्रतीक्षा दिल्ली की जनता और राजनीतिक दलों के बीच तनाव का कारण बन रही है।
इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को को आदेश दिया है कि सभी प्रासंगिक रिकॉर्ड सुरक्षित करकें, उनकी जांच करके उसकी रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर सौंपी जाए। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी।