Bastille Day Parade 2023: 14 जुलाई को फ्रांस के नेशनल डे ‘बैस्टिल डे परेड’ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इस समारोह में भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों टुकड़ियां भी हिस्सा लेंगी। भारतीय वायु सेना के चार राफेल लड़ाकू विमान, दो सी-17 ग्लोबमास्टर और नौसेना का एक स्वदेशी युद्धपोत फ्रांस पहुंच चुका है। पीएम मोदी आज फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात के अलावा रात 11 बजे पेरिस में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे। उस वक्त फ्रांस में शाम के 4.30 बज रहे होंगे। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोगों के शामिल होने की संभावना है। पीएम मोदी का यह दौरा फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर हो रहा है।
क्यों मनाया जाता है फ्रांस में बैस्टिल डे परेड ?
बैस्टिल डे परेड फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल किले पर हमले की याद में मनाया जाता है। यह किला फ्रांसीसी राजशाही का प्रतीक था और इसका पतन क्रांति की शुरुआत का संकेत था। बैस्टिल डे परेड एक भव्य सैन्य परेड है जो हर साल पेरिस में आयोजित की जाती है। इसमें फ्रांसीसी सेना के विभिन्न अंगों के सैनिकों के साथ-साथ अन्य देशों की सेनाओं के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। परेड में सैनिकों के अलावा, विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों और वाहनों का भी प्रदर्शन किया जाता है। बैस्टिल डे परेड एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और इसे दुनिया भर से लाखों लोग देखते हैं। इस साल परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने से इसकी और भी ज्यादा अहमियत बढ़ गई है।
कौन हैं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों?
इमैनुएल जीन-मिशेल फ्रेडेरिक मैक्रों फ्रांस के वर्तमान राष्ट्रपति हैं। वे 14 मई 2017 से राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं। मैक्रों को ‘मिस्टर प्रॉजेक्ट’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक निवेश बैंकर के रूप में की थी। साल 2017 में, मैक्रॉन ने फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वह 39 साल की उम्र में फ्रांस के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बने। मैक्रॉन ने अपनी जीत को एक “क्रांति” के रूप में वर्णित किया और उन्होंने एक नई तरह की राजनीति का वादा किया।
हालांकि मैक्रॉन के राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के दौरान, फ्रांस कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इनमें शामिल हैं: आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी, आतंकवाद का खतरा, यूरोपीय संघ में अस्थिरता। अभी मैक्रॉन इन चुनौतियों से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। लेकिन यह अभी भी देखना बाकी है कि क्या वह इन चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपट पाएंगे या नहीं। इसके साथ ही मैक्रॉन एक विवादास्पद व्यक्ति हैं और उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के दौरान कई विवादों में घिरे रहे हैं। हालांकि, उन्होंने अपनी लोकप्रियता बनाए रखी है और वह अभी भी फ्रांस के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक हैं।