Brain Eating Amoeba: कोरोना का डर लोगों के मन से हटा भी नहीं था कि अब इस नए बिमारी से लोगों के बीच दहशत मच गई है। पूरे सोशल मीडिया पर इस नए बिमारी Brain-Eating Amoeba यानी दिमाग को खाने वाला अमीबा के बारे में चर्चा हो रही है। दरअसल कुछ दिन पहले इस बिमारी की वजह से केरल के अलप्पुझा (Alappuzha) में 15 साल के लड़के की मौत हो गई थी। अलप्पुझा जिले के जिस लड़के की मौत हुई है, वो ‘प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ (पीएएम) बिमारी से संक्रमित था। जिसके बाद से लोगों के बीच यह खबर आग की तरह फैल गई है। वहीं सोशल मीडिया पर Brain-Eating Amoeba ट्रेंड कर रहा है।
एक रिपोर्ट शेयर करते हुए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी CDC ने कहा है कि दिमाग खाने वाले इस अमीबा का नाम नाइग्रीलिया फॉलेरी है। यह एक सूक्ष्म जीव है जो पानी में पाया जाता है। जो इंसान के दिमाग में नाक के जरिए घुसकर पहुंचता है। दिमाग में पहुंचने के बाद यह धीरे धीरे दिमाग के टिश्यू को खाने लगता है जिससे एफैक्टेड व्यक्ति को प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नाम की बिमारी हो जाती है। जैसे जैसे यह ब्रेन में फैलता है संक्रमित व्यक्ति के दिमाग में सूजन आने लगती है जिससे उसकी स्थिति जानलेवा हो जाती है।
कब आया था ब्रेन ईटिंग अमीबा?
आपको बता दें कि Brain-Eating Amoeba के केस सबसे पहले साल 1965 में ऑस्ट्रेलिया में पाया गया था। उस समय से अबतक पूरी दुनिया में इसके 381 मामले सामने आ चुके है। जिसमें से सबसे ज्यादा करीब 154 केस सिर्फ अमेरिका में पाए गए हैं। जिनमें से केवल चार लोग ही बचे हैं बाकी की मौत हो चुकी है। वहीं दक्षिण कोरिया में में भी साल 2022 में इस बिमारी का केस सामने आया था। इसके अलावा अबतक इस बिमारी के कुछ केस भारत, पाकिस्तान और थाईलैंड से भी आ चुके हैं।
कहा पाया जाता है यह और क्या है इसके लक्षण?
यह अमीबा मेनली गर्म मीठे पानी वाली जगहों पर जैसे गर्म झरनों, नदियों और झीलों में पाया जाता है। जिसके कारण यह जानलेवा अमीबा पानी में तैरते समय या गोता लगाते समय लोगों के शरीर में प्रवेश कर जाता है। इस बिमारी का संक्रमण पहले दिन से ही फैलना शुरू हो जाता है। जिसके लक्षण 1 से 12 दिनों में दिखना शुरू हो जाते हैं। इसके सिम्पटम्स में बुखार, सिर दर्द, उल्टी, दौरे पड़ना, गर्दन में अकड़न, तेज रोशनी बर्दाश्त न कर पाना, चक्कर आना जैसे लक्षण शामिल हैं।