2023 में भारत ने चंद्रयान-3 को लॉन्च करके एक बहुत बड़ा इतिहास रचा है। चंद्रयान-3 से भारतीय वैज्ञानिको को काफ़ी उम्मीदें है। Chandrayan-3 की सफलता भारतियों के सफलता को सुनिश्चित करेगी।
कितने दुरी पे पहुँची चंद्रयान-3, कितनी दुरी तय करने को शेष
सूत्रों के अनुसार खबर मिली है कि चंद्रयान-3 ने दो तिहाई दूरी तय कर अपने मंजिल को पाने निकल पड़ा है। ISRO के तरफ से खबर मिली है कि लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन को 5 अगस्त 2023 को शाम के लिए निर्धारित किया गया है। शनिवार 5 अगस्त को एक और महत्वपूर्ण प्रयास में अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित की जाने की योजना बनाई गईं है।
Chandrayan-3 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने का सफल योजना बना रहे है भारतीय वैज्ञानिक :
चंद्रयान-3 को चंद्रमा के कक्षा में स्थापित करने के लिए ISRO प्रयास तब करेगा जब चंद्रयान-3 चंद्रमा के सबसे निकट होगा। यानी चंद्रयान-3 उस कक्षा में पहुंच जाएगा जहां से चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण शुरू हो जाता है। ISRO का ये दृढ़निश्चय है कि वो चन्द्रमा के सतह पर 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की “सॉफ्ट लैंडिंग” कराके भारत की विज्ञान के क्षेत्र में एक मिशाल कायम करेगा।
भारतियों को है भारत के तीसरे चाँद मिशन चंद्रयान-3 से काफ़ी उम्मीदें
भारत ने चंद्रयान-3 को लॉन्च करके अपने तीसरे चाँद मिशन की ओर कदम बढ़ाया है। इस एयरक्राफ्ट की लैंडिंग के बाद भारत दुनिया के चार देशों में शामिल हो जाएगा, जिसमें अमेरिका, चीन और रूस सम्मलित हो जाएंगे। आए दिन खबर सुनने को मिल रही है कि चंद्रयान-3 पृथ्वी के orbit से बाहर निकलते जा रहा है। जैसे-जैसे चंद्रयान-3 अपने मंजिल की ओर बढ़ते जा रहा है, भारतियों के बीच खुशी की लहर दिखाई दे रही है।