Chandrayan-3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने एम्बिशस्टिक और निरंतर प्रयासों के बाद अपने Chandrayan-3 मिशन को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में माना है, जब Chandrayan ने चंद्र की सतह के बहुत करीब पहुंचकर एक सफल प्रयास किया है।
इस बार के प्रयास में Chandrayan-3 ने रात के 1 बजकर 50 मिनट पर के मेन पड़ाव को पार कर लिया है जिसके बाद अब वह चाँद से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर है।
ISRO के प्रमुख ने क्या कहा?
ISRO के प्रमुख, डॉ. एस सोमनाथ, ने इस महत्वपूर्ण कदम की सफलता की घोषणा करते हुए कहा, “हमारे वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ताओं की मेहनत और ISRO के प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप हमने Chandrayan-3 मिशन के तहत एक और महत्वपूर्ण कदम को पूरा किया है। हमारा लक्ष्य अब 23 अगस्त को चाँद की की सतह पर इसको सफलतापूर्वक लैंड करना है।”
इस मिशन के अंतर्गत, ‘विक्रम’ लैंडर ने चंद्र की सतह के बहुत करीब पहुंचकर उच्च गुणवत्ता वाले चित्रों को भेजकर मिशन की सफलता की खबर दी है। इन इनफार्मेशन के माध्यम से, वैज्ञानिकों को चंद्र की सतह पर मौजूद विभिन्न परतों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी, जो कि इस्तेमाल हो सकती है उनकी संभावितता के आधार पर अनुभागीय मिशनों के लिए।
कितने बजे होगी चाँद पर लैंडिंग?
आज दोपहर के करीब 3 बजे ISRO ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए Chandrayan-3 के लैंडिंग के बारे में जानकारी दी है। इस पोस्ट में इसरो ने बताया है की 23 अगस्त की शाम को 6 बजकर 4 मिनट पर चाँद पर लैंड कराया जायेगा। इसके साथ ही इसरो ने सभी देशवाशियों को Chandrayan-3 की सफलता की कामना करने के लिए धन्यवाद किया है।
Chandrayaan-3 Mission:
🇮🇳Chandrayaan-3 is set to land on the moon 🌖on August 23, 2023, around 18:04 Hrs. IST.
Thanks for the wishes and positivity!
Let’s continue experiencing the journey together
as the action unfolds LIVE at:
ISRO Website https://t.co/osrHMk7MZL
YouTube… pic.twitter.com/zyu1sdVpoE
— ISRO (@isro) August 20, 2023
Chandrayan-3 मिशन का यह चरण विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि पिछले Chandrayan-2 मिशन में ‘विक्रम’ लैंडर का लैंडिंग प्रयास असफल रहा था। लेकिन इसबार के प्रयास में इसरो के वैज्ञानिकों ने नए तयों और तकनीकी उपायों का उपयोग करके सफलता प्राप्त की है।
जानिए क्यों है सूर्यौदय का इंतजार?
मिशन में चंद्रयान-3 को अब बस चंद्रमा की सतह पर सूर्य के उदय का इंतजार कर रहा है। आपको बता दे की अभी चंद्रमा पर रात है और 23 तारीख को वहां सूर्योदय होगा। जिसके बाद विक्रम लैंडर सूरज की रोशनी और ताकत का इस्तेमाल कर अपने मिशन में आगे बढ़ेगा। चाँद पर सूर्यौदय होने के बाद रोवर पावर जेनरेट करने के लिए दोनों सोलर पैनल का यूज करेंगे। जिसके बाद सफल लैंडिंग हो जाने के बाद प्रज्ञान रोवर अगले 14 दिन तक चाँद पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाएगा।
Chandrayan-3 Mission के सफलता से, भारत ने अपने अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में एक बार फिर से अपनी महत्वपूर्णता दर्शाई है। यह सफलता भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत और उनके प्रतिबद्धता का परिणाम है, जो अंतरिक्ष अनुसंधान में नए आयाम छुआ और दुनियाभर में उनके नाम की चमक बढ़ाई है।
इसरो कि अब तक Chandrayan-3 Mission के सफल प्रयास ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की नींव को और मजबूती दी है और दुनिया को दिखाया कि भारत अंतरिक्ष में अपनी निष्ठा और क्षमता से किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है।