Electronic Device: अयोध्या के भव्य श्रीराम जन्मभूमि परिसर में जल्द ही रामलला का दिव्य स्वरूप विराजमान होगा, जिसका इंतजार करोड़ों रामभक्तों को सालों से था। मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है, और इसी के साथ दर्शन व्यवस्था को लेकर भी अहम फैसले लिए जा रहे हैं। सबसे अहम खबर ये है कि श्रीराम मंदिर परिसर में किसी भी तरह के Electronic Device को ले जाने की सख्त मनाही होगी। यानी, मोबाइल फोन, कैमरा, स्पीकर, पावर बैंक आदि सभी का प्रवेश वर्जित रहेगा।
ये फैसला मंदिर की पवित्रता और माहौल को बनाए रखने के लिए लिया गया है। मंदिर न्यास का मानना है किElectronic Device की वजह से भक्तों का ध्यान भटकेगा और उनकी आस्था की गहराई कम हो सकती है। वे चाहते हैं कि रामलला के दरबार में आने वाले श्रद्धालु पूरी तरह से आस्था में लीन होकर, बिना किसी बाहरी व्यवधान के भगवान का दर्शन करें।
हालांकि, ये फैसला कुछ भक्तों के लिए थोड़ा मुश्किल ज़रूर हो सकता है। आज के तकनीकी युग में मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है, और उससे अलग होकर रहना थोड़ा चुनौतीपूर्ण लग सकता है। लेकिन मंदिर न्यास का आग्रह है कि रामलला के दर्शन के लिए ये बलिदान छोटा है। ये एक आध्यात्मिक अनुभव होगा, जिसमें किसी की तुलना या प्रतिस्पर्धा नहीं होगी, बल्कि सिर्फ भगवान के साथ जुड़ाव का भाव होगा।
इस फैसले से सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोग मंदिर न्यास के फैसले का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे अतिवादी कदम मान रहे हैं। हालांकि, ज्यादातर रामभक्त इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये फैसला मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए जरूरी है और इससे भक्तों को सच्ची आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा।
मंदिर न्यास ने भक्तों के लिए कुछ सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का वादा किया है। मंदिर परिसर में लॉकर की व्यवस्था होगी, जहां दर्शन से पहले भक्त अपने Electronic Device जमा कर सकेंगे। इसके अलावा, मंदिर परिसर में मोबाइल फोन चार्जिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरे देश के लिए गौरव और आस्था का केंद्र है। मंदिर की पवित्रता और अनुशासन बनाए रखना हम सभी का दायित्व है। Electronic Device पर प्रतिबंध का फैसला भले ही कुछ लोगों को रास न आए, लेकिन ये एक सकारात्मक कदम है, जो रामलला के दरबार में शुद्ध आस्था का वातावरण बनाने में मदद करेगा। तो आइए, जब हम रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएं, तो अपने आध्यात्मिक अनुभव को Electronic Device से मुक्त करके, पूरी तरह से भगवान के समर्पण में सराबोर हो जाएं।