देश में तेजी से बढ़ते अनियंत्रित Loan Apps की समस्या पर सरकार सख्त हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय नियामकों को इन ऐप्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन ऐप्स द्वारा दी जाने वाली ऊंची ब्याज दरें और गैर-कानूनी वसूली प्रथाओं से आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
क्या कहा वित्त मंत्री ने?
वित्त मंत्री ने एक बैठक में कहा कि वित्तीय नियामकों, जैसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), और भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अनियंत्रित Loan Apps को कोई जगह न मिले। उन्होंने कहा कि इन ऐप्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और उन पर लगाम लगाई जानी चाहिए।
क्यों चिंतित हैं वित्त मंत्री?
पिछले कुछ समय में अनियंत्रित Loan Apps की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। ये ऐप्स लोगों को आसानी से लोन उपलब्ध कराती हैं, लेकिन अक्सर ऊंची ब्याज दरें लेती हैं और कर्ज वसूली के लिए गैर-कानूनी तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। इससे लोगों को आर्थिक नुकसान और मानसिक परेशानी उठानी पड़ती है।
क्या समस्या है इन Loan Apps से?
ऊंची ब्याज दरें: ये Loan Apps अक्सर ऊंची ब्याज दरें लेती हैं, जो कई बार 300% से भी अधिक हो सकती हैं। इससे कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ जाता है और लोगों को कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाता है।
छुपी फीस: ये ऐप्स कई तरह की छुपी फीस ले सकती हैं, जैसे प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट फीस आदि। इससे लोगों को कुल मिलाकर काफी ज्यादा रकम चुकानी पड़ती है।
गैर-कानूनी वसूली प्रथाएं: ये ऐप्स कर्ज वसूली के लिए कई बार गैर-कानूनी तरीकों का इस्तेमाल करती हैं, जैसे फोन पर धमकाना, सोशल मीडिया पर शर्मिंदा करना आदि। इससे लोगों को काफी मानसिक परेशानी होती है।
क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि अनधिकृत लोन बांटने वाले Loan Apps को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- इन ऐप्स को रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करना चाहिए और उन पर वित्तीय नियामकों का नियंत्रण होना चाहिए।
- उनके द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों को सीमित करना चाहिए और उन्हें पारदर्शी तरीके से बताना चाहिए।
- कर्ज वसूली के लिए उन्हें उचित तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए और डराने-धमकाने जैसी प्रथाओं पर रोक लगानी चाहिए।
- लोगों को इन ऐप्स के बारे में जागरूक करना चाहिए और उन्हें सलाह दी जानी चाहिए कि वे केवल रजिस्टर्ड और लाइसेंस प्राप्त वित्तीय संस्थानों से ही लोन लें।