Golden Gate in Ram Mandir: अयोध्या की पावन धरती पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण अपने अंतिम पड़ाव पर है। 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले मंदिर की भव्यता में चार चांद लगाने को सोने के दरवाजे लगाए जा रहे हैं। मंगलवार को मंदिर के गर्भगृह के ऊपरी तल पर लगा पहला स्वर्ण द्वार दर्शनार्थियों को आनंदित कर रहा है। 12 फीट ऊंचे और 8 फीट चौड़े इस सुनहरे द्वार पर विष्णु जी के विश्राम करते हुए स्वरूप की नक्काशी आकर्षण का केंद्र है। रामलला के भक्तों के लिए यह किसी स्वप्न के साकार होने से कम नहीं है।
सोने के इस पहले दरवाजे के साथ ही अगले तीन दिनों में 13 और दरवाजे लगाए जाने हैं। मंदिर के गर्भगृह में कुल 14 दरवाजे होंगे, जिन्हें सागौन की लकड़ी पर स्वर्ण जड़ित किया गया है। मंदिर के भूतल पर लगने वाले 14 दरवाजे भी अपनी सुंदरता से सबको मंत्रमुग्ध कर देंगे। इन दरवाजों पर हाथी, कमल दल, झरोखे आदि कलात्मक डिजाइन अंकित हैं, जो पूरे मंदिर परिसर को दिव्यता प्रदान कर रहे हैं।
Golden Gate के निर्माण का कार्य हैदराबाद की 100 साल पुरानी कंपनी ‘अनुराधा टिंबर’ कर रही है। कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि इन दरवाजों के निर्माण में उच्चतम गुणवत्ता का सोना और लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। हर दरवाजे का निर्माण करने में कई महीनों का समय लगा है, और इनमें भारतीय संस्कृति और परंपरा की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। इस खूबसूरत स्वर्ण द्वार का निर्माण महाराष्ट्र के सागौन की लकड़ी पर सोना जड़कर किया गया है। हैदराबाद की 100 साल पुरानी कंपनी अनुराधा टिंबर ने मंदिर के लकड़ी के दरवाजों को तैयार किया है।
Golden Gate की स्थापना के साथ ही मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो रहा है। रामलला के भक्तों की आस्था का केंद्र बनने वाला यह भव्य मंदिर धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनने के लिए तैयार है। अयोध्या नगरी के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो सदियों से चले आ रहे विवाद के समापन और भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक है।
हालांकि, Golden Gate की चमक के बीच, कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इतने सोने का इस्तेमाल करना जरूरी नहीं था, जबकि गरीबों की मदद की जा सकती थी। इस पर मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि ये दरवाजे मंदिर की पवित्रता और भव्यता को दर्शाते हैं, और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक विरासत के रूप में रहेंगे।
आखिरकार, अयोध्या में उठने वाला सूरज अब राम मंदिर के Golden Gate पर अपनी किरणें बिखेरता है। यह न केवल एक मंदिर का निर्माण, बल्कि एक लंबे संघर्ष का सुखद अंत है। रामलला के भक्तों के लिए यह आस्था का महापर्व है, और निश्चित रूप से 22 जनवरी को होने वाला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह देश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा।