Gold Mine: देश में हर साल सोने की मांग समय के साथ बढ़ते चला जा रहा है। देश में हर ख़ुशी के अवसर पर लोग अब सोने के गहने या सोने से बानी चीज़ो को ही खरदना चाहते है। जिसकी आपूर्ति के लिए डेस्क में दूसरे देश से सोना मँगवाया जाता है। ऐसे में सोने की इतनी मांग को पूरा करना भी जरुरी हो गया है। इसी के साथ अब देश की पहली निजी सोने की खदान (Gold Mine) से बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकेगा।
40 प्रतिशत की है हिस्सेदारी
बीएसई पर सूचीबद्ध पहली और एकमात्र सोने की खोज करने वाली कंपनी Deccan Gold Mine Limited (डीजीएमएल) की जियोमिसोर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में 40 प्रतिशत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है, जो जोनागिरी में निजी क्षेत्र की पहली प्राइवेट Gold Mine विकसित कर रही है। इस खदान में अब तक कुल लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वर्तमान में प्रति माह लगभग एक किलोग्राम सोने का उत्पादन कर रही है।
आंध्र प्रदेश में देश की पहली बड़ी निजी Gold Mine
डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हनुमा प्रसाद ने कहा कि आंध्र प्रदेश में देश की पहली बड़ी निजी Gold Mine का पूर्ण पैमाने पर उत्पादन अगले साल के अंत तक शुरू हो जाएगा। प्रसाद ने एक इंटरव्यू में न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि जोन्नागिरी स्वर्ण परियोजना, जिसमें पायलट स्केल ऑपरेशन पहले ही शुरू हो चुका है, पूर्ण पैमाने पर उत्पादन शुरू होने के बाद प्रति वर्ष लगभग 750 किलोग्राम सोने का उत्पादन करेगी।
प्रसाद ने आगे कहा की भारतीय खदान जोनागिरी परियोजना में फ़िलहाल अभी निर्माण कार्य चल रहा है। अगले साल, अक्टूबर-नवंबर के आसपास, यह उत्पादन में आ जाएगा। सोने की यह खदान आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में तुग्गली मंडलम के भीतर जोन्नागिरी, एर्रागुडी और पगदिराय गांवों के पास स्थित है। इस खदान की खोज साल 2013 में की गए थी जिसमे पूरी खोज करने में लगभग 8 से 10 साल का समय लग गए।
अगले साल के अंत तक हो सकता है शुरू
Deccan Gold Mine Limited के प्रबंध निदेशक ने और बताते हुए कहा कि किर्गिस्तान में इसकी एक अन्य सोने की खनन परियोजना से उत्पादन, जिसमें डीजीएमएल की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस गोल्ड माइंस का 2024 के अक्टूबर या नवंबर में शुरू होने की संभावना है। डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड देश की पहली और अब तक की एकमात्र सोने की खोज करने वाली कंपनी है जो बीएसई पर सूचीबद्ध है। उन्होंने कहा, “जोनागिरी गोल्ड परियोजना प्रति वर्ष लगभग 400 किलोग्राम सोने का उत्पादन करेगी।”