Ban On Online Betting Apps: सरकार ने महादेव ऐप समेत 22 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद भारत में इन ऐप्स के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी नहीं हो सकेगी। आपको बता दें कि महादेव ऐप का नाम पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है।
एक रिपोर्ट के अनुसार इन Betting Apps और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश ईडी के अनुरोध पर जारी किया गया है। ईडी ने इन ऐप्स और वेबसाइटों के खिलाफ जांच में पाया कि ये ऐप्स मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी में शामिल थे। आपको बता दे की सरकार ने पहले भी कई Betting Apps और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि, यह पहली बार है कि सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाया है।
पहले इस ऐप के मालिक की दुबई में करोड़ों रुपये की शादी और बाद में छत्तीसगढ़ में इसे चलाने वालों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई। ऐसे में सरकार ने महादेव ऐप समेत ऐसे ही 22 ऐप्स को देश में बैन कर दिया है।
सरकार का यह कदम सट्टेबाजी की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है। सट्टेबाजी से लोगों को आर्थिक नुकसान होता है और इससे अपराध भी बढ़ता है। सरकार सट्टेबाजी को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए वह लगातार Betting Apps और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा रही है।
विवाद की वजह क्या है?
ईडी लंबे समय से छत्तीसगढ़ में महादेव ऑनलाइन Betting Apps की जांच कर रही है। ऐसे में केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ सरकार चाहती तो खुद इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगा सकती थी क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की शक्ति है। फिर भी, उनकी ओर से, ऐसा नहीं किया गया है। साथ ही इन ऐप्स को बैन करने की भी कोई मांग नहीं की गई, जबकि इन ऐप्स के खिलाफ पिछले 1.5 साल से जांच चल रही है। इसके चलते महादेव ऐप बैन को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
महादेव ऐप क्या है?
यह एक ऑनलाइन Betting Apps है जिसे छत्तीसगढ़ के सौरभ चन्द्रशेखर और रवि उप्पल ने लॉन्च किया है। केंद्रीय एजेंसी ने जांच में पाया कि महादेव ऐप पोकर, क्रिकेट और बैडमिंटन, टेनिस और फुटबॉल जैसे कई लाइव गेम्स के लिए सट्टेबाजी की पेशकश करता है। इस ऐप को साल 2017 में लॉन्च किया गया था। ऐप को कोविड महामारी के दौरान काफी लोकप्रियता मिली।
इस साल सितंबर में ईडी ने महादेव के ऑनलाइन Betting Apps से जुड़ी 417 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. जांच एजेंसी ने तब आरोप लगाया था कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की कंपनी दुबई से चल रही थी और ऑनलाइन जुए से हर महीने 450 करोड़ रुपये कमाए जा रहे थे.