प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले ही तेलंगाना से राष्ट्रीय Turmeric Board के गठन की घोषणा की थी। जिसके एक हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय Turmeric Board के गठन की अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस बोर्ड के बनाने का मेन मक़्सद है देश में हल्दी की खेती और उसके उत्पादों के विकास पर ध्यान देना। इसके साथ ही यह बोर्ड अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी के निर्यात को बढ़ाने के लिए नए बाजारों को भी तालाश करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि, इस बोर्ड के गठन से छोटे एवं सीमांत किसानों के अर्थतंत्र में सुधार होगा।
हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक है भारत
आपको बता दें कि भारत विश्व भर में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है। वर्ष 2022-23 में 11.61 लाख टन हल्दी का उत्पादन भारत में हुआ था। जो कि वैश्विक उत्पादन का 75 प्रतिशत से अधिक है। देश के 20 से ज्यादा राज्यों में हल्दी की खेती की जाती है। इसके साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों में 3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं।
20 राज्यों में होती है हल्दी की फ़सल
इस 20 राज्यों में से सबसे ज्यादा हल्दी कि उत्पादन महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक एवं तमिलनाडु में किया जाता है। वहीं हल्दी विश्व व्यापार के 100 प्रतिशत में से भारत की 62 प्रतिशत हिस्सेदारी है। साल 2022-2023 में देश के 380 से अधिक निर्यातकों द्वारा 20.74 अरब डालर मूल्य के 1.534 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया गया था। भारत के हल्दी निर्यात का प्रमुख बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया माना जाता हैं।
उच्च गुणवत्ता वाली हल्दी की होगी खेती
केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे राष्ट्रीय Turmeric Board के गठन से देश में हल्दी के नए उत्पादों में अनुसंधान, विकास एवं वृद्धि करने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। स्वास्थ्य के लिहाज से हल्दी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही इसके उत्पादन को बढ़ावा देने और इसके उत्पादन के लिए ज्ञान को विकसित करने के लिए लोगों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
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इस Turmeric Board के गठन के बाद किसानों को मसाला बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ कनेक्ट किया जाएगा। ताकी किसानों द्वारा उपजाए हल्दी की बेहतर क़ीमत मिल सके। इसके साथ ही Turmeric Board इस बात की भी जांच करेगा की किसान उच्च गुणवत्ता वाले हल्दी की ही खेती करें।