भारतीय वायुसेना Su-30MKI फाइटर जेट बेड़े को एक योजना के तहत अपग्रेड करने की तैयारी कर रहा है। जिसमें पूरी तरह से नए एवियोनिक्स, रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट्स शामिल होंगे। पहली किश्त में करीब 100 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया जाना है जो पूरी तरह से भारत में आयोजित किया जाएगा।
सूत्रों का कहना है की Su-30MKI के अपग्रेड योजना का मूल्य 60,000 करोड़ रुपये से अधिक है और इसमें एयरफ्रेम और इंजन को छोड़कर लड़ाकू जेट के सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारतीय वायु सेना और अन्य कम्पनियों के साथ मिलकर इस अपग्रेड की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
इसके साथ ही भारत ने रूस से 272 Su-30MKI लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया जो वायु सेना के लड़ाकू बेड़े का मुख्य आधार हैं। पिछले महीने, ₹11,000 करोड़ में 12 और जेट विमानों के ऑर्डर को मंजूरी दी गई थी। इन जेटों का निर्माण एचएएल द्वारा 50% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ किया जाएगा।
की वर्षो से चल रहा है काम
‘सुपर सुखोई’ Su-30MKI अपग्रेड पर कई वर्षों से काम चल रहा है क्योंकि विमान दो दशकों से सेवा में हैं और इन्हें वर्तमान मानकों के अनुसार आधुनिक बनाने की आवश्यकता है। आपको बता दें कि Su-30MKI विमान को अपग्रेड करने पर बातचीत कम से कम 2017 से रूस के साथ चल रही है, भारत विमान में स्वदेशी प्रणालियों को अधिकतम करने पर विचार कर रहा है। अपग्रेड में विजिवल रेंज से परे उन्नत क्षमता, नए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट्स और एक नया रडार शामिल होने की संभावना है।
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क्यों किया जा रहा है Su-30MKI को अपग्रेड
Su-30MKI लड़ाकू बेड़े को आधुनिक मानकों में अपग्रेड करने से भविष्य में निर्यात क्षमता भी खुल सकती है क्योंकि भारत उन मित्रवत विदेशी देशों को पैकेज की पेशकश कर सकता है जो रूसी मूल के विमान संचालित करते हैं। Su 27/30 प्रकार के 600 से अधिक विमानों का निर्माण किया गया है और बड़े ऑपरेटरों में वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया और अल्जीरिया शामिल हैं। वियतनाम के साथ-साथ मलेशिया भी एक प्रारंभिक विकल्प हो सकता है, जो इस प्रकार के 46 लड़ाकू विमानों का संचालन करता है।