IIT Kanpur Innovation: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने क्लाउड सीडिंग के जरिए आर्टीफिशियल बारिश कराने में एक बड़ी सफलता हासिल की है। 23 जून को आईआईटी कानपुर ने क्लाउंड सीडिंग के लिए एक परीक्षण उड़ान को सफलता पूर्वक आयोजित किया जिसमें 5000 फीट की उंचाई से एक प्रकार के पाउडर को गिराया गया जिससे आर्टीफिशियल बादल बन गए। इस प्रशिक्षण को संस्थान ने डीजीसीए की अनुमति लेने के बाद किया। हालांकि इससे प्रशिक्षण के दौरान बारिश नहीं कराया गया क्योंकि ये सिर्फ फ्लेयर्स को फायर करने से ही किया जा सकता था।
आपको बता दें कि आईआईटी कानपुर के आर्टीफिशियल बारिश कराये जाने वाले इस परियोजना पर साल 2017 से ही काम कर रही थी। इस प्रशिक्षण का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग कर रहा था। जिसके बाद 23 जून को इसका सफल परीक्षण किया गया। इस परीक्षण के सफल होने की जानकारी आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने दिया। उन्होंने बताया कि ‘आईआईटी कानपुर में एक अनोखा प्रयोग किया गया है, जिसमें क्लाउड सीडिंग के लिए परीक्षण उड़ान का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया है।’ उन्होंने कहा कि इस परीक्षण के लिए एयरक्राफ्ट के साथ क्लाउड-सीडिंग अटैचमेंट की टेस्टिंग की गई, जो सफल रही। वहीं इस परीक्षण के दौरान पहले से तय मानकों के अनुसार फ्लेयर का इस्तेमाल करके एजेंटों को फैलाया गया जिससे आर्टीफिशियल बादल बन गए।
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने आगे कहा कि ‘इस परीक्षण के दौरान बारिश नहीं हुई, क्योंकि हमारी ओर से इस परीक्षण के दौरान बादलों में फ्लेयर्स को फायर नहीं किया गया था। ये उपकरण के लिए बस एक ट्रायल था जिसमें ये टेस्टिंग सफल रही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब हम अगले चरणों में क्लाउड सीडिंग चलाने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि यह परीक्षण संस्थान ने डीजीसीए की अनुमति के बाद किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कई वर्ष पहले क्लाउड सीडिंग के परीक्षण की इजाजत संस्थान को दे दी थी।