Indian Railways: देश में लगातार हो रही रेल हादसों को देखते हुए रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। इन हादसों के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन तेज रफ्तार एक प्रमुख चिंता का विषय है। इसी मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए Railways बोर्ड ने एक समिति गठित करने का फैसला किया है। इस समिति का उद्देश्य यह पता लगाना है कि आखिर Railways ड्राइवर गति सीमा का उल्लंघन क्यों करते हैं।
समिति का गठन और उद्देश्य
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में हुई घटनाओं ने Railways बोर्ड को हरकत में आने पर मजबूर कर दिया है। इन घटनाओं में दो ट्रेन चालकों ने नदी के पुल पर निर्धारित 20 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा का उल्लंघन किया था। वे अपनी ट्रेन को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ा रहे थे। यह घटना चिंताजनक है और यह सवाल खड़ा करती है कि आखिरकार ड्राइवर जानबूझकर गति सीमा का उल्लंघन क्यों कर रहे हैं? रेलवे बोर्ड गठित की जा रही समिति इसी सवाल का जवाब ढूंढेगी।
समिति संभावित रूप से किन पहलुओं पर गौर करेगी
समिति दुर्घटनाओं के विश्लेषण के साथ-साथ Railways ड्राइवरों के कार्यभार और दबाव का भी अध्ययन कर सकती है। यह भी जांच की जा सकती है कि क्या सिग्नल प्रणाली में कोई खामी है या फिर रेलवे ट्रैक के रखरखाव में कोई कमी है, जो ड्राइवरों को तेज रफ्तार पर जाने के लिए प्रेरित करती है। इसके अलावा, समिति मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर भी गौर कर सकती है। क्या ड्राइवरों में किसी तरह का तनाव या थकान है, जो उन्हें लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए प्रेरित कर रही है?
समिति की सिफारिशों के संभावित प्रभाव
यह उम्मीद की जाती है कि समिति की सिफारिशें Railways सुरक्षा में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर रेलवे बोर्ड सख्त नियमों को लागू कर सकता है। इसके अलावा, ड्राइवरों के प्रशिक्षण में भी सुधार किया जा सकता है। साथ ही, Railways बुनियादी ढांचे के रखरखाव और सिग्नल प्रणाली के आधुनिकीकरण पर भी ध्यान दिया जा सकता है।